आज के इस पैग़ाम में आप इस्तिखारा करने का सही व सुन्नत तरीका बहुत ही आसानी से समझेंगे, हमने यहां पर इस्तिखारा करने का वो सही तरीक़ा आसान लफ्ज़ों में बताया है जो तरीका रसुले पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बताई।
आप ने अभी तक इस्तिखारा करने का सही और सुन्नत तरीका से रूबरू नहीं हुए हैं तो आप इस पैग़ाम को आख़िर तक जरूर ध्यान से पढ़ें, जिससे आप आसानी से अपना इस्तिखारा करना जान जाएं और अमल करें।
Istikhara Karne Ka Tarika
- सबसे पहले इस्तिखारे कि नियत से दो रकात नफ्ल नमाज अदा करें जिस तरह से बाकी की नफ्ल नमाज अदा करते हैं।
- उसी तरह से यहां भी करें अगर आप को कुल या अय्युहल काफीरुन सूरह याद हो तो पहली रकात में सूरह फातिहा के बाद इसे ही पढ़ें।
- फिर दुसरी रकात में अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास को पढ़ें।
- फिर बाकी नफ्ल नमाज की तरह ही आप रूकुअ और सज्दा करेंगे इसके बाद सलाम फेरने के बाद दुआ यानी इस्तिखारा की दुआ पढ़ें।
- दुआ कुछ इस तरह से पढ़ें की पहले कम से कम तीन बार दुरूद शरीफ पढ़ लें।
- इसके बाद एक मरतबा सूरह फातिहा भी यहां पर पढ़ लें इसके बाद इस्तिखारा की दुआ पढ़ें।
- फिर आखिर में भी सूरह फातिहा एक बार और तीन बार दुरूद शरीफ पढ़ें।
- इसके बाद आप फ़ौरन आप अगर ईशा की बाद की हो तो सो जाएं इस तरह से कि आपका सर का जानिब जानिबे क़िब्ला हो यानी आप इस तरह से सोएं कि पैर दोनों पुरब कि दिशा में फैला हो।
- अक्सर यह रात में ही इस्तिखारा करें, वैसे हमने इसका यानी इस्तिखारा करने का दुरूस्त वक्त भी नीचे की जानिब बताया है आप उसे भी पढ़ें क्योंकि दिन में इस्तिखारा का फल कुछ अलग ही तरह से पेश होती है।
Istikhara Karne Ki Niyat
आपको एक बात बता दें कि अपने दिल में भी नियत करना काफी है, अगर आप चाहते हैं कि अल्फाज से इस्तिखारे के लिए नियत करें तो इस तरह से करें।
नियत की मैने 2 रकात नमाजे नफ्ल इस्तिखारा वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर कह कर नियत बांध लें।
Istikhara Ki Namaz Ka Waqt
आप जब चाहें आपको जब इस्तिखारे की जरूरत हो तो उसी वक्त आप कर लें लेकीन मकरूह वक्त में कभी भी ना करें सबसे दुरूस्त और बेहतर वक्त इस्तिखारा करने के लिए नमाजे ईशा के बाद होता है।
इस बात का आप खूब ख्याल रखें कि जब भी आपको कोई भी बड़ा काम करने में दो ऑप्शन हाज़िर हो और आप समझ न पा रहे हैं तो ऐसे में अपने रब से सही निर्णय के लिए बेहतर वक्त में ईशा के बाद इस्तिखारा करें।
इस्तिखारा का नतीजा इस तरह से जानें।
अब यह जानेंगे कि हमने तो इस्तिखारा किया लेकीन हमारे हक़ में बेहतरी क्या निकला यानी हमारा रब ने मेरा इस्तिखारा करने के बाद फैसला क्या निकाला इसके लिए कुछ बातों पर आप ज़रूर ध्यान रखें।
सबसे पहले इस्तिखारा का नतीजा यानी आपके हक़ में जो फैसले हुए उससे इस तरह से पहचाने कि आपके सोने पर यदि ख़्वाब में सफ़ेद या फिर हरे कलर की कुछ भी नज़र आईं हो तो आप के हक में फैसले है।
अगर ख़्वाब में लाल या काली कलर की चीज नज़र आईं हो तो आप इससे न करें जैसे आप ने दुआ में यह बोली हो कि मुझे इस काम में शामिल होना चाहिए या नहीं तो ख़्वाब में सफ़ेद या हरा दिखा तो करें जबकि लाल या ब्लैक दिखा हो तो ना करें यही फैसला आपके हक में हुआ है।
लेकीन कभी ऐसा हुआ कि हमने इसे तालुक कोई भी ख़्वाब न देखी तो ऐसे हालात में आप इस्तिखारा लगातर करते चलें इसे आप 7 दिन तक जारी रखें लेकीन बीच में भी फैसला आ जाए तो छोड़ दें और जो फैसला आपके जहन में आई हो उसी फैसले पर आप उतरें।
इस्तिखारा करने के बाद भी कभी कभार ऐसा भी होता है कि हमने मंशे जिस काम के लिए सही बनाए थे उसके खिलाफ आ गया तो ऐसे में आप अपने दिल की सुनें बेशक हमारा रब दिलों की बात जानता है तो आप ज्यादा से ज्यादा अपने दिल और दिमाग से फैसले लें।
Jaldi Istikhara Karne Ka Tarika
हमने यहां पर इस बात यानी जल्दी इस्तिखारा करने का तरीका पे इस लिए गौर फ़रमाया क्योंकि बहुत लोगों का यह सवाल है कि जल्दी इस्तिखारा कैसे करें तो इस बात का जवाब यह है कि इसी तरह से इस्तिखारा करें।
इसके अलावा इस्तिखारा करने के लिए कोई भी सुन्नत और सही तरीका नहीं है इसी लिए आप इतना बड़ा या फिर छोटा ही फैसले के लिए इस्तिखारा कर रहे हैं तो शिद्दत से करें जिससे आप अपने हक में बेहतरी हासिल करें।
इस्तिखारा करने से जुड़ी एक अहम हदीस
हज़रत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रजियल्लाहु तआला अन्हुं ने फ़रमाया कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हमको तमाम उम्र इस्तिखारे कि तालीम फरमाते जिस तरह से कुरान की सुरत तालीम फरमाते, फरमाते हैं जब कोई किसी अम्र यानी काम का इरादा करे तो दो रकात नफ्ल पढ़ कर इस दुआ यानी इस्तिखारा की दुआ पढ़े।
FAQs
इस्तिखारा का मतलब क्या है?
इस्तिखारा का मतलब रब से खैर तलब करना होता है।
क्या कुरान में इस्तिखारा का जिक्र है?
कुरान में तो कहीं भी इस्तिखारा का जिक्र नहीं है लेकीन हदीस में है।
इस्तिखारा के बाद क्या करना चाहिए?
इस्तिखारा के बाद जो भी फैसले आप के हक में आए उसी पर अमल करना चाहिए।
क्या इस्तिखारा कभी भी किया जा सकता है?
हां इस्तिखारा कभी भी मकरूह वक्तों के अलावा किया जा सकता है।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में इस्तिखारा करने का सही तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में आसानी से समझा, यकीनन इससे पढ़ने के बाद आप आसानी से इस्तिखारा ज़रूर कर लेंगे अगर अभी भी आपके मन में कुछ सवाल हो डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट कर के ज़रूर पूछें।
हम आपके सभी सवालात का जवाब ज़रूर पेश करेंगे जिससे आपकी डाउट दूर हो जाएं फिर कहीं से पढ़ना या पूछना न पड़े प्यारे मोमिनों मेरा मकसद शुरू से अभी तक यही रहा है कि हम पुरा जानकारी आसानी से समझा सकें जिसे पढ़ने वाले अमल में लाए।
अगर इस पैग़ाम से कुछ आपको हासिल हुई हो तो ऐसे इल्म को सिर्फ अपने तक सीमित न रखें ज्यादा से ज्यादा फैलाएं जिससे सब लोग इस जानकारी से रूबरू हो जाएं और साथ ही इस पैग़ाम को को ज़रूरत के मुताबिक़ शेयर करें जिसे आप के और मेरे नामाए अमाल में नेकियों का इज़ाफा हो जाए।
Istekhara ki namaz ke baad dua kab kare durud sharif ke bad dua ke bad bich me ? Aur jaha istekhara kiya wohi so jaye ya fir bed par aa ke so sakte hai ??
Aur istekhara ki namaz ke baad dua kab mange aur so kaise jaye aur kaha ? Please answer my question…
Namaz Ke Baad Turant 3 Baar Durood Sharif Aur Ek Baar Surah fatiha Padh Lein To Achcha Hoga Iske Baad Dua Karein, Apne Bed Pe Soyein.
Shukrane ki namaz ki niyat arbi me btaye..?
Ji Arbi Ki Niyat Is Tarah Karein Nawaituan Usaliya Lillahe T’Aala Rakati Salati Nafli Shukr or Nafli Mutwazihan… iske Baad Sab Baaki Arbi Niyat ki tarah Bolein.
MashaAllah achche tarike se samjhaya hai bahut bahut shukriya