आज यहां पर आप एक बहुत ही जरूरी और दुरूस्त मालूमात यानी औरत की नमाज का सही और सुन्नत तरीका जानेंगे हमने यहां पर औरतों की नमाज पढ़ने का सही तरीका बहुत ही साफ़ और आसान तरीके से बताया है।
जिसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी से अपनी नमाज़ अदा कर पाएंगे यकीनन इसके बाद आप को कहीं पर भी औरत की नमाज का तरीका ढूंढने की जरूरत नहीं होगी इसी लिए आप ध्यान से पूरा पढ़ें।
हमने यहां पर 2 रकात, 3 रकात और 4 रकात की औरत की नमाज का तरीका बताया है अगर आप पूरा लेख ध्यान से पढ़ेंगे तो 2 रकात, 3 रकात और 4 रकात नमाज आसानी से पढ़ना सीख जाएंगे।
Aurat Ki Namaz Ka Tarika
सबसे पहले आप दोनों पांव के बीच चार उंगली का फासला करके सीधे खड़े हो जाएं यह भी ध्यान रखें कि आपका दिशा काबा की ओर दुरूस्त हो इसके बाद नीचे एक एक बात बताई गई है उसपे अमल करें।
Must Read:- Namaz Ki Sharait
Aurat Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात
- सबसे पहले जो नमाज हो उसकी नियत करें।
- फिर अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांध लें।
- नियत बांधते वक्त हाथों को कांधे तक उठाएंगे।
- जिस तरह से नीचे की इमेज में दिखाई दे रही है।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को छाती पर बांध लें।
- पहले बायीं हथेली सीना यानी छाती पर रखेंगे।
- इसके उपर दायीं हथेली की पेठ उसपर रखेंगे।
- फिर इस तरह बांध लें जिस तरह नीचे की इमेज में है।
- अब सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
- इसके बाद अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम पढ़ें।
- फिर तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
- अब अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पूरा पढ़ें।
- पुरा पढ़ लेने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
- इसके बाद कोई एक छोटी या बड़ी सूरह पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं।
- रूकुअ में ज्यादा न झुकें हल्का ही झूकना है।
- इस तरह से कि दोनों हांथ घुटनों तक पहुंच जाए।
- अपने हाथों को घुटनों पर रखें उन्हें पकड़े नहीं।
- आपको रूकुअ में पीठ सीधा नहीं करना है।
- घुटनों को झुकाएं और उंगलियां सिमट कर रखें।
- आपकी नजर पैर के अंगूठों पर होनी चाहिए।
- नीचे की इमेज में सभी चीजें साफ दिखाई गई है।
- यहां पर 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- इसके बाद समी अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
- यहीं पर आपको रब्बना लकल हम्द भी कहना है।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएंगे।
- आप सज्दा सिमट कर करेंगे इस तरह से समझें।
- पेट को रानों यानी जांघों में सटा दें यानी मिला दें।
- रानों को पिण्डलीयों यानी टांग का पिछला भाग से मिला दें।
- फिर अपने दोनों हाथों को जमीन पर बिछा दें।
- ध्यान दें सभी चीजें नीचे की इमेज में दिखाई गई है।
- यहां पर 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अला कहना है।
- इस बात को याद रखें हमेशा सज्दा इसी तरह करना है।
- अब अल्लाहु अकबर कह कर उठें और कुछ देर बैठें रहे।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कह कर दुसरी सज्दा करें।
- यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला कहें।
- यहां तक आपकी एक रकात नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।
- अब अल्लाहु अकबर कह कर सज्दे से उठें खड़े हो जाएं।
- यहां अब आपको नमाज की दुसरी रकात पढ़नी है।
Aurat Ki Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात
- यहां सबसे पहले अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम पढ़ें।
- इसके बाद बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ कर सूरह फातिहा पढ़ें।
- यहां भी सूरह फातिहा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन कहें।
- फिर इसके बाद यहां भी कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएंगे।
- पिछली बार की रूकुअ की तरह सब चीजें यहां भी करें।
- यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- अब यहां भी समी अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
- और उठते भर में ही रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
- इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर सज्दे में जाएंगे।
- पिछली बार की तरह सब चीजें यहां भी करेंगे ध्यान से।
- यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला कहें।
- यहां भी दो सज्दा करें बिल्कुल पिछली बार की तरह।
- पहली सज्दा के बाद अल्लाहु अकबर कह कर उठें।
- फिर कुछ देर में अल्लाहू अकबर कह कर दुसरी सज्दा करें।
- यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला कहें।
- अब अल्लाहु अकबर कह कर उठें और बैठ जाएं।
- यहां पर अपने दोनों पांव को दाहिने ओर निकाल दें।
- और फिर इस तरह बाईं सुरीन यानी कुल्हों पर बैठ जाएं।
- नीचे की तस्वीर में सभी चीजें साफ दिखाई गई है।
- अब इसके बाद यहां तशह्हुद यानी अत्तहियात पढ़ें।
- अत्तहियात पढ़ते हुए कलिमें ‘ला’ पर उंगली खड़ा करें।
- यहां पर दाहिने हाथ की शहादत उंगली खड़ा करना है।
- फिर तुरंत ‘इल्ला’ पर उंगली गिरा कर सिधा कर लें।
- अगर आगे 3 या 4 रकात पढ़नी हो तो यहीं से खड़ा हो जाएं।
- अगर 2 ही रकात पढ़नी हो तो दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
- इसके बाद दुआए मासूरह पढ़ें और सलाम फेर लें।
- अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए।
- पहले दाहिने तरफ अपना गर्दन को घुमाएंगे।
- फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए।
- इसके बाद बाएं तरफ अपना गर्दन को घुमाएंगे।
- यहां तक आपकी 2 रकात नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।
- अगर 3 या 4 रकात पढ़नी हो तो आगे पढ़ते चलिए।
- अत्तहियात पढ़ के अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़ा हो जाएं।
- यहां पर अब आप तिसरी रकात के लिए खड़े होंगें।
Aurat Ki Namaz Ka Tarika – तिसरी रकात
- यहां सब दुसरी रकात की तरह करें।
- पहले अउजुबिल्लाह फिर बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- फिर सूरह फातिहा पढ़ कर आहिस्ते से आमिन कहें।
- हर बार की तरह यहां भी सूरह पढ़ कर रूकुअ करें।
- यानी अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं।
- कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- पहले समी अल्लाहु लिमन हमिदह फिर इसके बाद।
- रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकुअ से उठें।
- अब अल्लाहु अकबर कह कर सज्दे में जाएं।
- हर बार की तरह यहां भी दो सज्दा करें।
- अगर 3 ही रकात पढ़नी हो तो बैठ जाएं।
- और सब चीजें दुसरी रकात की तरह करके खत्म कर लें।
- यानी तशह्हुद में उंगली उठाएं और दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।
- इसके बाद दुआए मासूरा पढ़ कर सलाम फेर लें।
- सभी चीजें दुसरी रकात की आखिर जैसा ही करना है।
- अगर 4 रकात पढ़नी हो तो आगे पढ़िए।
- यहां भी तशह्हुद के बाद अल्लाहु अकबर कह कर उठें।
- यहां अब आपको चौथी रकात नमाज़ पढ़नी है।
Aurat Ki Namaz Ka Tarika – चौथी रकात
- यहां पर अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम पढ़ें।
- फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
- इसके बाद पुरा सूरह फातिहा पढ़ें और आमिन कहें।
- इसके बाद कोई भी एक सूरह पढ़ें।
- अब हर बार की तरह रूकुअ सज्दा करें।
- सूरह पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कह कर रूकुअ में जाएं।
- रूकुअ में कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- अब समी अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए रूकुअ से उठें।
- आपको उठते हुए ही रब्बना लकल हम्द भी कहना है।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएंगे।
- यहां भी सज्दे में तीन बार सुब्हान रब्बियल अला कहना है।
- फिर अल्लाहू अकबर कह कर उठें और बैठ जाएं।
- फिर तुरंत अल्लाहु अकबर कह कर दुसरी सज्दा करें।
- दुसरी में भी तीन बार सुब्हान रब्बियल अला कहें।
- अब अल्लाहु अकबर कह कर इत्मीनान से बैठ जाएं।
- यहां पर सभी चीजें दुसरी रकात की तरह करें ध्यान से।
- बैठने का भी सलीका हमने बताया है ध्यान रहे।
- बैठने के बाद अत्तहियात यानी तशह्हुद पढ़ें।
- अत्तहियात में कलिमें ‘ला’ पर उंगली खड़ा करें।
- हमेशा दाहिने की शहादत उंगली ही खड़ा करना होता है।
- और तुरंत इल्ला पर उंगली गिरा कर सिधा करना है।
- इसके बाद दुरूदे इब्राहिम और दुआए मासूरा पढ़ें।
- अब अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए पहले दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं।
- फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं तरफ गर्दन को घुमाएंगे।
अब आपकी 4 रकात नमाज भी मुकम्मल हो गई आप एक बार इस नमाज पढ़ने का सही तरीका को जरूर पढ़ें आपके बहुत सारे डाउट क्लियर हो जाएंगे।
Aurat Ki Namaz Ki Niyat
सबसे पहले आपको इस बात का कन्फ्यूजन या डाउट दूर हो जाए या इल्म हो जाए कि औरत की नमाज की नियत या सभी के लिए नमाज की नियत एक ही तरह की होती है नमाज की नियत जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
औरत भी नमाज की नियत इस तरह से करें कि नियत की मैने जो भी नमाज हो उसका नाम लें जैसा नमाज हो जैसे फर्ज सुन्नत नफ्ल वाजिब की वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।
इतना कह कर नियत अल्लाहू अकबर कहने पर बांध लेंगे इसके बाद की पूरा प्रोसेस हमने उपर में बताया है आप उसे समझ कर अमल करें अब आपकी नियत से रिलेटेड कन्फ्यूजन या सवाल खत्म हो गई होगी।
Mard Aur Aurat Ki Namaz Mein Farq
मर्द और औरत की नमाज में कोई ख़ास फर्क नहीं है कुछ हैं जो कि निम्नलिखित है:
- तकबीरे तहरिमा में मर्द हांथ कान तक उठाते हैं और औरत कांधे तक।
- मर्द नियत नाफ के नीचे बांधते हैं और औरत अपने सीने पर नियत बांधती है।
- रूकुअ में औरत हल्की झुकती है जबकि पुरूष पीठ के बराबर झुकते हैं।
- मर्द को घुटने पर उंगली फैलाना होता है जबिक औरत को समेट कर रखना होता है।
- औरत सब समेट कर सज्दे करते हैं और मर्दों को कुछ ही भाग मिलाना चाहिए।
- काअदए उला या काअदए अखिरा में औरत को सुरीन का सहारा पे जमीं पर बैठना होता है।
- जब कि मर्द हजरात को दाहिना पांव खड़ा कर के बायां पांव मोड़ कर बैठना होता है ये थी कुछ फर्क।
आख़िरी बात
आपने इस पैग़ाम में औरतों की नमाज पढ़ने का सही तरीका बहुत ही आसानी से पढ़ा और समझा अगर आप ध्यान से पुरा पैगाम पढ़े होंगे तो हमने बहुत अच्छे तरीके से औरत की नमाज बताया था जहां ज़रूरत लगी वहां पर इमेज के ज़रिए भी हमने समझाने की कोशिश की।
अब आप यकीनन इसके बाद बेझिझक बिना खलल के नमाज पढ़ सकेंगे अगर अभी भी औरत की नमाज से जुड़ी कोई सवाल या फिर कहीं पर समझ में नहीं आई हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब जल्द ही पेश करेंगे।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से कुछ अच्छी चीजें सीखने को मिला हो तो बाराए मेहरबानी जिन्हें ना मालुम हो उन्हें भी आप बताएं समझाएं साथ ही इस पैग़ाम को भी उन तक पहुंचाए साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।
6 thoughts on “Aurat Ki Namaz Ka Tarika – औरतों की नमाज़ का सही तरीका”