आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप बहुत ही रहमत व बरकत भरी ख़ास दुआ यानी हमबिस्तरी की दुआ जानेंगे हमने यहां पर हमबिस्तरी की दुआ बहुत ही साफ़ और सुंदर व आसान लफ़्ज़ों में हिंदी, इंग्लिश और अरबी में लिखा है।
जिसे आप इस हमबिस्तरी की दुआ बहुत ही आसानी से पढ़ कर अपने जहन में भी हमेशा हमेश के लिए बसा लेंगे, तो आप इस पैग़ाम को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें, जिसे आप हमबिस्तरी का आदाब भी जान सकें।
Humbistari Ki Dua In Hindi
बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्म जन्निब् नश्शैता न व जन्निबिश्शैता न मा रज़क तना
बुखारी जि.2 स. 945
Humbistari Ki Dua In Arabic
ِسْمِاللّٰهِ اَللّٰهُمَّ جَنِّبْنَا الشَّيْطَانَ وَجَنِّبِ السَّيْطٰانَ مَادَذَقْتَنَا - بخادى ج ٢ص٩٤٥
Humbistari Ki Dua In English
Bismillahi Allahumma Jannib Nashshaita Na Wa Jannibishshaita Na Ma Rajak Tanaa. – Bukhari Zild . 2 Page No . 945
Must Read:– Tahajjud Ki Dua In Hindi
Humbistari Ki Dua Ka Tarjuma
अल्लाह के नाम से ऐ अल्लाह दूर कर हम से शैतान मरदूद को और दूर कर शैतान मरदूद को उस औलाद से जो तू हमें अता करे।
Humbistari Ki Dua Hindi Image
अगर आप भी हमबिस्तरी की दुआ का इमेज की तलाश कर रहे हैं तो आप भी इस इमेज को अपने फोन की गैलरी में सहेज यानी सेव कर लें इससे फ़ायदा यह होगा कि आप कभी भी इस दुआ यानी हमबिस्तरी की दुआ को बगैर नेटवर्क और इंटरनेट के भी पढ़ पाएंगे।
हमबिस्तरी से जुड़ी कुछ खास बातें
- हमबिस्तर होने से पहले वजू कर लेना चाहिए।
- हमेशा हमबिस्तरी की दुआ पढ़ कर मुबाशरत करें।
- इसका भी ख्याल रखें कि किब्ला की तरफ़ रुख न हो।
- मुबाशरत खड़े खड़े न करें यह अदब के खिलाफ़ है।
- इस बात पर भी गौर करें कि कभी बैठे बैठे भी न करें।
- अदब और कायदे से दोनों आपस में हमबिस्तर हों।
- इंजाल यानी मनी निकलने के तुरंत बाद अलग न हों।
- सोहबत के बाद अपने अपने मकाम को तुरंत साफ कर लें।
- इसके बाद तुरंत ही दोनों पेशाब भी करें इसकी फवाएद भी है।
हमबिस्तरी के आदाब
सबसे पहले इस बात का ख्याल रखें कि जब भी मुबाशरत का इरादा हो तो ये मालूम कर लें कि कहीं औरत हैज़ से तो नहीं है औरत की भी ज़िम्मेदारी है कि अगर वह हाएजा में हो तो फ़ौरन इस बात को बोल दे अगर हो तो मुबाशरत न करें।
हमेशा अपनी बीबी के पास जाएं तो पर्दे में जाएं और हां बगैर पूछे उनपे जोखिम न डालें कभी कभी ऐसा भी होता है कि औरत तैयार नहीं होती और लोग अपना फ़ायदा सिर्फ देखते हैं जबकि ये सरासर ग़लत है।
क्या पता किसी दर्द पीड़ा से वो गुजर रही हो और आप सिर्फ़ ख़ुद के बारे में सोच रहे हैं तो ऐसे हालात में ज़रूर अपने पर नियंत्रण रखें, जब उनका भी इरादा हो तो भी तुरंत मुबाशरत नहीं करें।
सबसे पहले उन्हे हाथों के ज़रिए बहलाएं एक हदीस में है कि जो पुरुष अपनी पत्नी का हांथ उसको बहलाने के लिए पकड़ता है तो अल्लाह तआला उसके लिए नेकी लिख देता है जब पुरुष मोहब्बत से हाथ उसके गले में डालता है तो उसके हक में 10 नेकियां लिखी जाती है।
इसके बाद जो हमने दुआ उपर में बताई उसे पढ़ कर शुरू करें और जहां तक हो सके ख़ुद पर नियंत्रण बनाए रखें ना कि टूट पड़े और जब मनी निकल जाए और फर्ज़ में दाखिल हो तो इस दुआ ‘अल्लाहुम्मा ला तजाअल लिश शैतानी फि म रजकतनि नसी बा’ को पढ़ें।
हमबिस्तरी की दुआ से जुड़ी हदीस
हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हुं से रिवायत है कि रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो शख्स इस दुआ को हमबिस्तरी के वक्त पढ़ेगा तो अल्लाह तआला उस पढ़ने वाले को अगर औलाद अता फरमाए तो उस औलाद को शैतान कभी भी नुक्सान नहीं पहुंचा सकता – बुखारी जिल्द 3 हदीस 150।
हज़रत इमाम अहमद रजा खां रजियल्लाहु तआला अन्हुं फतावा रिजविया में इरशाद फ़रमाते हैं अगर कोई शख्स सोहबत यानी हमबिस्तरी के वक्त दुआ न पढ़ें यानी शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह न मांगे तो उस शख्स की शर्मगाह से शैतान लिपट जाता है।
यहां तक कि उस मर्द से जो औलाद पैदा होता है वह नाफरमान बुरी खसलतों वाली बेगैरत और बद्दीन व गुमराह होती है शैतान की इस दखलअंदाजी के सबब औलाद में तबाह कारी आ जाती है – गुनयतुत्तालिबीन बाब 5 सफा 116।
हज़रत सअद बिन अबादा रजियल्लाहु तआला अन्हुं ने फ़रमाया अगर मैं अपनी बीबी के साथ किसी को देख लूं तो उसका काम तमाम कर दूं उनकी इस बात को सुनकर लोगों ने ताज्जुब किया अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि।
ऐ लोगो तुम्हें सअद की इस बात पर ताज्जुब आता है हालांकि मैं तो उनसे ज्यादा गैरत वाला हूं और अल्लाह तआला मुझ से भी गैरत वाला है - बुखारी शरीफ जिल्द 3 बाब 137 सफ्हा 104 इस लिए हर बार जिमाअ से कब्ल हमबिस्तरी की दुआको आप भी जरूर पढ़ा करें।
FAQs
हमबिस्तरी की दुआ क्या है?
हमबिस्तरी की दुआ ‘बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्म जन्निब् नश्शैता न व जन्निबिश्शैता न मा रज़क तना’ है।
हमबिस्तरी का सही तरीका क्या है?
हमबिस्तरी का सही तरीका यह है सबसे पहले दुआ पढ़ें और अदब और कायदे में रह कर हमबिस्तरी करें।
बीबी से हमबिस्तरी कब करना चाहिए?
बीबी से हमबिस्तरी अपने ज़रूरी और आपसी में दोनों की भी ख्वाहिश होने पर ही हमबिस्तरी करना चाहिए।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम के ज़रिए उम्दा दुआ यानी हमबिस्तरी की दुआ बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ा और समझा हमने यहां पर तीनों मशहूर जबान में हमबिस्तरी की दुआ को लिखा जिसे आप अपने पसंदीदा भाषा में पढ़ सकें, जिसे आपको समझने में कोई दिक्कत न हो।
अगर अभी भी आपके मन में हमबिस्तरी की दुआ से जुड़ी कोई सवाल या वसवसे आ रहे हैं तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर देंगे क्योंकी मेरा मकसद शुरू से अभी आज तक यही रहा है कि हम अपने सभी मोमिनो को मुकम्मल जानकारी दें।
अगर आप को यह पैगाम अच्छा लगा हो यानी की इस पैग़ाम से कुछ भी आपको हासिल हुई हो तो आप ऐसे इल्म को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं जिसे सब अपने रब के फ़रमान के मुताबिक़ इस जीवन को गुजारें जिसे आपके साथ साथ मेरे भी नामए आमाल में नेकियां बढ़ती रहे शुक्रिया।