आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप बहुत ही ज़रूरी ख़ास व उम्दा दुआ यानी जनाजे की दुआ हिंदी में जानेंगे हमने यहां पर जनाजे की दुआ बहुत ही आसान और साफ लफ्ज़ों में पेश करा है जिससे आप आसानी से पढ़ कर याद कर पाएंगे।
हम सभी मोमीन व मोमिना को इस चार दिन की चकाचौंध भरी दुनिया से रुखसत पाना है और इसी दुनिया में जाने अनजाने में न जाने कितने गुनाह और लोगों को तकलीफ़ पहुंचा देते हैं तो इसी लिए हमें जनाजे की दुआ मालुम होना चाहिए।
अगर हमें जनाजे की दुआ मालुम होगा तो हम उसके मगफिरत के लिए अपने रब से उसकी तलब करेंगे जिसे उसकी मगफिरत हो जाएगी और अपने नामाए आमाल में नेकियों का इज़ाफा भी कर लेंगे इसीलिए आप जनाजे की दुआ ज़रूर पढ़ें।
Janaze Ki Dua In Hindi
आप को भी शायद मालूम ही होगा कि जनाजे की दुआ तीन किस्म की यानी एक बालिग यानी जिनका निकाह हो चूका हो ऐसे औरत व पुरूष के लिए अलग दुआ है।
जब कि नाबालिग बच्चा के लिए अलग दुआ और नाबालिग बच्ची के लिए अलग दुआ होती है हम यहां पर तीनों दुआएं बताए हैं आप ध्यान से पढ़ लें।
नोट:- यह दुआएं याद करने से पहले किसी सुन्नी सहीहुल अकीदा आलिम से समझ लें तो बहुत बेहतर है।
जनाजे की दुआ बालिग के लिए
अल्लाहुम्म मगफिरलि हैयिना व मैयितिना व शहिदिना व गाइबिना सगीरिना व कबीरिना व ज क रिना व उनसाना अल्लाहुम्म मन अहयैतहू मिन्ना फअह् यही अलल इस्लामी व मन तवफ्फैतहू मिन्ना फतवफ्फहू अलल ईमान।
जनाजे की दुआ नाबालिक बच्चे के लिए
अल्लाहुम्मज्अल्हु लना फरतौं वज्अल्हुलना अज्रौं व जख्रौं वज्अल्हु लना शाफिऔं व मुशफ्फआ।
जनाजे की दुआ नाबालिक बच्ची के लिए
अल्लाहुम् मजअल्हा लना फरतौं वजअल्हा लना अज्रौं व जुख्रौं वजअल्हा लना शा फिअतौं व मुशफ्फअत।
जनाजे की दुआ कैसे पढ़ी जाती है?
जनाजे की दुआ नियत करने के बाद सबसे पहले जनाजे की नमाज की सना पढ़ने के बाद फिर अल्लाहू अकबर कहने के बाद इसके बाद अल्लाहू अकबर कहने पर जनाजे की दुआ पढ़ी जाती है।
जैसे ही आप ने नियत बांधी उसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा व बिहम्दिका व तबारकस्मु क व तआला जद्दूक व जल्ल सनाउ क व ला इल्लाहा गैरू क पढ़ें। इसके बाद अल्लाहु अकबर कहने के बाद आप दूरूदे इब्राहिम पढ़ें।
जब तीसरी बार जनाजे की नमाज पढ़ाने वाले अल्लाहु अकबर बोलेंगे इसके बाद आप जनाजे की नमाज की दुआ पढ़ेंगे जो भी रूख्सत पाए हों बालिग या नाबालिग उनके मुताबिक दुआ पढ़ें।
Janaze Ko Kandha Dene Ka Tarika
जनाजे को कंधा देने का सही व सुन्नत तरीका यह है कि चार लोग मिल कर जनाजा को उठाएं यानी एक एक पाया चारो लोग पकड़े और अपने कंधे पे ले कर दस दस कदम चलें।
अगर तादाद ज्यादा हो तो दस कदम के बाद दुसरे लोग को भी जनाजा उठाने का मौका दें लेकीन यदि कम लोग नमाजे जनाजा में शामिल हुए हो तो सभी लोग पलट पलट कर कंधा दें।
इस तरह से की पहले दाहिने सरहाने कंधा दें फिर दाहिनी पांयती फिर बाएं सरहाने इसके बाद बाएं पांयती और हर बार बदलने के बाद दस कदम चलें इस तरह से आपके नाम चालिस कदम हो गए।
एक हदीस शरीफ़ में है कि जो चालीस कदम जनाजा लेके चले उस के चालीस कबिरा गुनाह मिटा दिए जाएंगे यानी की जो भी इस तरह से जनाजा को कंधा देगा उसके 40 बड़े बड़े गुनाहों खताओं को अल्लाह माफ़ फरमाएगा।
FAQs
जनाजे में क्या पढ़ना चाहिए?
जनाजे में जनाजे की नमाज का सना और दुरूदे इब्राहिम फिर जनाजे की दुआ पढ़ना चाहिए।
जनाजे में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?
जनाजे में जनाजे की नमाज की दुआ पढ़ी जाती है।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में जनाजे की दुआ बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पढ़ा जिससे आप आसानी से जनाजे की दुआ अपने जहन में बसा लिए होंगे और जब भी आप जनाजे में शिरकत करेंगे आप जनाजे की दुआ ज़रूर पढ़ेंगे जो रूखसत पाने वाले के साथ साथ आपके लिए भी फायदेमंद है।
अगर अभी भी आपके मन में जनाजे की दुआ से जुड़ी कोई सवाल या डाउट या फिर सुझाव हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब ज़रूर पेश करेंगे क्योंकी हम आप को पुरा इल्म साफ लफ्ज़ में बताने के लिए ही हाजिर हैं।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से जो कुछ भी आपको सीखने को मिली या इल्म हासिल हुई हो तो आप इस तरह की इल्म को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताएं जिसे वो भी इस तरह की दुआ से रूबरू हो कर अपने अमाल में नेकी का इज़ाफा कर सकें।
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