आज के इस पैग़ाम में आप एक बहुत ही जरूरी और दुरूस्त कुंडे की फातिहा का तरीका जानेंगे हमने यहां पर कुंडे की फातिहा का सही तरीका बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया है।
जिसे आप आसानी से समझ कर कुंडे की फातिहा कर सकेंगे इस कुंडे की फातिहा को एक अलग ही तरीके से किया जाता है आप यहां पर ध्यान से पढ़ें और समझें जिसे सही से इस फातिहा को कर सकें।
Kunde Ki Fatiha Ka Tarika
सबसे पहले आपको यह मालूम होना चाहिए कि कुंडे की फातिहा हज़रत इमाम जाफरे सादिक र. अ. के नाम से की जाती है।
आप भी शायद जानते होंगे कि हज़रत इमाम जाफरे सादिक र. अ. का विसाल 15 रजब को हुआ था इसीलिए हर साल 15 रजब को कुंडे की फातिहा होती है।
मुआशरे में यह भी देखने को मिलता है कि न जाने कितने घरों में कुंडे की फातिहा 22 रजब को करते हैं लेकीन यह सुन्नियों के लिए नहीं है।
अब आईए जानते हैं कि कुंडे की फातिहा किस तरह पढ़ें और इसका इसाले सवाब किस तरह करें हालांकि इसका फातिहा इस तरह ही पढ़ें:-
- पहले 3 मरतबा दरूद शरीफ पढ़ें।
- फिर सूरह काफिरून 1 बार पढ़ें।
- इसके बाद सूरह इख्लास 3 दफा पढ़ें।
- फिर सूरह फलक 1 मरतबा पढ़ें।
- फिर सूरह नास 1 मरतबा पढ़ें।
- अब सूरह फातिहा 1 मरतबा पढ़ें।
- फिर सूरह बकरह मुफ्लिहु न तक 1 बार पढ़ें।
- आखिर में आयत ए खामसह 1 बार पढ़ें।
फिर अऊजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पूरा पढ़ें फिर ‘अला इन्ना औलिया अल्लाहि ला खऊफून अलैहिम वला हुम यह जूनून’ फिर अल्लज़ीना आमनु व कानू यत्तकुन पढ़ें।
इसे पढ़ कर सुब्हाना रब्बिक व रब्बिल इज्जते अमा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलिम वल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमिन ये पढ़ कर अल फातिहा कहें और बख़शिश करें।
पहले 3 मरतबा दरूद शरीफ पढ़ें
सल्लल्लाहु अलन नबीय्यिल उम्मिय्यी व आलिही सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सलातवं व सलामन अलैका या रसूलल्लाह
फिर सूरह काफिरून 1 बार पढ़ें
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. कुल या अय्यूहल काफिरुन. ला आअबुदू मा ताअ बुदू न. व ला अन्तुम आबिदू न मा आअबुद. व ला अना आबिदुम माअबत्तुम. वला अन्तुम आबिदू न मा आअबुद. लकुम दीनुकुम वलि यदीन
इसके बाद सूरह इख्लास 3 दफा पढ़ें
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. कुल हु वल्लाहु अहद्. अल्लाहुस् समद. लम य लिद् वलम यूलद. वलम यकुं ल्लहु कुफुवन अहद
फिर सूरह फलक 1 मरतबा पढ़ें
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. कुल अऊजु बिरब्बिल् फ लक. मिन शर्रि मा ख लक. व मिन शर्रि गासिकीन इजा वकब. व मिन शर्रि नफ्फासाति फिल उकद. व मिन शर्रि हासिदीन इजा हसद्
फिर सूरह नास 1 मरतबा पढ़ें
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. कुल अऊजु बिरब्बिन्नास. मलिकीन्नास इलाहिन्नास. मिन शर्रिल वस्वासिल-खन्नास अल्लजी युवसविसु फि सुदूरिन्नास. मिनल जिन्नति वन्नास।
अब सूरह फातिहा 1 मरतबा पढ़ें
अउजुबिल्लाह मिनश शैतानिर्रजिम. बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमिन. अर्रहमा निर्रहीम. मालिकि यौमिद्दिन. इय्याका नअबुदु व इय्याका नस्तईन. इहदिनस सिरातल मुस्तकी म. सिरातल लजी न अन अम्ता अलैहिम गैरिल मगदूबि अल्लैहिम वलद्दाल्लीन
फिर सूरह बकरह मुफ्लिहु न तक 1 बार पढ़ें
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. अलिफ़ लाम मिम. जालीकल किताबु ला रै बफिह. हुदल लील मुत्तकीनल्लजीना यूमिनूना बिल गैबि व युकिमुनस्सलाता व मिम्मा रजकनाहुम युनफिकुन. वल्लजीना युमिनू ना बिमा उनजिला इलैका वमा उनजिला मिन कब्लिक. व बिल आखिरती हुम यूकिनुन. उलाइका अला हुदम मिंर रब्बिहिम व उलाइका हुमूल मुफलिहून
आखिर में आयत ए खामसह 1 बार पढ़ें
व इलाहुकुम इलाहुं वाहीद. लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहिम. इन न रहमतल्लाही करिबुम मिनल मुहसिनीन. वमा अरसलनका इल्ला रहमतल लिल आलमिन. मा का ना मुहम्मदुन अबा अ हदिम मिंर रिजालिकुम वला किंर रसुलल्लाहि व खातमन नबिय्यीन व कानल्लाहू बिकुल्लि शैइन अलीमा. इन्नल्लाहा व मलाइ क त हू यूसल्लूना अलन्नबिय्यि. या अय्यूहल लजिना आमनू सल्लु अलैहि व सल्लिमू तस्लिमा
इसके बाद अऊजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह शरीफ पूरा पढ़ें फिर ‘अला इन्ना औलिया अल्लाहि ला खऊफून अलैहिम वला हुम यह जूनून’ फिर अल्लज़ीना आमनु व कानू यत्तकुन पढ़ें।
इसे पढ़ कर सुब्हाना रब्बिक व रब्बिल इज्जते अमा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलिम वल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमिन ये पढ़ कर अल फातिहा कहें अब बख़शिश करें।
कुंडे की फातिहा का बख्शिश का तरीका
- ऐ अल्लाह हमने तेरी बारगाह में कुराने पाक की तिलावत की और दुरूद शरीफ़ भी पढ़ा यहां पढ़ने में जो भी गलतियां हुई हो अपने फजलो करम से माफ़ फरमा।
- इस शिरनी तबर्रुक और पानी का सवाब सबसे पहले सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के बारगाह ए मुकद्दस में तोहफ्तन हदियातन पेश करते हैं कुबूलफरमा।
- हजरते आदम अलैहिस्सलाम से लेकर हजरते इसा अलैहिस्सलाम तक कमों बेस एक लाख चौबीस हजार अम्बियाए किराम व रसूलाने एजाम के बारगाहों में ये शिरणी तबर्रुक को पेश करते हैं मौला कुबूल फरमा।
- हुजूर के सहाबा सहाबियात व अहले बैते अतहार अज्वाजे मोतह्हरात जुमला शहीदाने कर्बला जुमला शहाबा ताबेईन ताब ताबेईन अइमए मुजतहिदीन बुजुर्गाने दिन मुत्तकिन सालेहिन मोमेनिन के अरवाहे पाक को पेश करते हैं कुबूल फरमा।
- इसका सवाब पिराने पीर दस्तगीर रौशन ज़मीर हजरते गौसे आज़म रजियल्लाहो तआला अन्हो और ख्वाजाए ख्वाजगान हिंद अल वली अजमेरी चिश्ती और तमाम औलियाए कामेलिन के बारगाहों में पेश करते हैं कुबूल फरमा।
- बिल खुसुस इसका सवाब ऐ अल्लाह तेरे प्यारे महबूब हज़रत इमाम जाफरे सादिक र. अ. की बारगाह में पेश करते हैं कबूल फरमा और इनपे खूब रहमत व नूर की बारिश अता फरमा दर्जात में बुलंदी अता फरमा।
- ऐ अल्लाह तू अपने फज्ल से हुजूर के सदके में और तमाम नेक बंदों के सदके में हमारे घर में बरकते अता फरमा और तमाम परेशानियों से निजात फरमा रोजी रोजगार में रिज्क़ में खूब खूब बरकते अता फरमा दुनियां और आखिरत की खुब खूब भलाइयां नसीब फरमा आमिन सुम्मा आमिन।
कुंडे की फातिहा किसके नाम से होती है?
कुंडे की फातिहा हज़रते इमाम जाफरे सादिक रहमतुल्लाह अलैह की नाम से होती है हर वर्ष इस्लामी कैलेंडर के 7 वें महीने की रज्जब के 15 तारीख को हर सुन्नी मुसलमान अपने अपने घरों में कुंडे की फातिहा करते हैं।
कुंडे की फातिहा अलग इसलिए भी है क्योंकी इसके लिए हमें पूरी इंटेंशन से हर चीज हज़रते इमाम जाफरे सादिक रहमतुल्लाह अलैह के नाम पर ही रखनी होती है बेशक खुदा दिलों की बात जानता है।
आख़िरी बात
आपने इस पैग़ाम में कुंडे की फातिहा का सही और मुकम्मल तरीका बहुत ही आसानी से समझा साथ ही कुंडे की फातिहा का बखशिश का तरीका भी जाना यकीनन आप सब आसानी से समझ गए होंगे और अब कुंडे की फातिहा सही और आसानी से कर सकेंगे।
अगर अभी भी आपके मन में कुंडे की फातिहा से रिलेटेड कोई सवाल या डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब जरूर देंगे साथ ही हर सुन्नी मुसलमान तक इसे शेयर करें ताकि सब आसानी से कुंडे की फातिहा सही से पढ़ सकें।