Mitti Dene Ki Dua In Hindi – मिट्टी देने की दुआ हिंदी में

आज के इस पैग़ाम में आप बहुत ही ज़रूरी और अहमियत भरी दुआ यानी मिट्टी देने की दुआ हिंदी में पढ़ेंगे , हमने यहां पर कब्र पर मिट्टी देने की दुआ बहुत ही आसान और साधारण लफ्ज़ों में पेश किया है।

जिससे आप मिट्टी देने की दुआ हिंदी में आसानी से जान जाएंगे और अपने जहन में भी बसा लेंगे इससे फ़ायदा यह होगा आप मिट्टी देने जानें पर मिट्टी देने की दुआ पढ़कर कब्र पर मिट्टी देंगे और ख़ूब सारे नेकी नामाए आमाल में करेंगे।

हमने इस पैग़ाम में मिट्टी देने की दुआ के साथ साथ मिट्टी देने के सुन्नत और इस्लामी तरीक़ा भी बताया है जो आप और हम सब के लिए बहुत ही ज़रूरी है इसीलिए आप इस पैग़ाम को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें।

Mitti Dene Ki Dua In Hindi

  • पहली दफा – मिनहा खलक ना कुम.
  • दूसरी दफा – व फिहा नुईदुकुम.
  • तीसरी दफा – व मिनहा नुखरि जुकुम तारतन उखरा.

Mitti Dene Ki Dua In English

  • First Times – Minha Khalaq Na Kum.
  • Second Times – Wa Feeha Nooidukoom.
  • Third Times – Wa Minha Nukhri Zukum Tartan Ukhra.

Mitti Dene Ki Dua In Arabic

  • ١- مِنْهَا خَلَقْنَاکُمَْ
  • ٢- وَفيْهَا نُعيْدُکُمْ
  • ٣- وَمِنْهَا نُخْرِ جُکُمْ تَارَتهً اُخْرٰى

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Mitti Dene Ki Dua Meaning

  • From The Earth Did We Create You.
  • And into it Shall We Return You.
  • And From it Shall We Bring You Out Once Again.

Mitti Dene Ki Dua Meaning In Hindi

  • उसी जमीन से हमने तुमको पैदा किया
  • और उसी में तुम को लौटाएंगे
  • और उसी से दोबारा तुमको निकालेंगे

मिट्टी देने की दुआ हिंदी में

मिनहा खलक ना कुम , व फिहा नुईदुकुम , व मिनहा नुखरि जुकुम तारतन उखरा.

Mitti Dene Ka Tarika

मिट्टी देने में मुस्तहब यह है कि सिरहाने की तरफ़ दोनों हाथों से मिट्टी उठाकर तीन ही बार मिट्टी डालें पहली बार मिनहा खलक ना कुम पढ़ें।

इसके बाद दुसरी दफा भी मिट्टी उठाएं और दुसरी बार व फिहा नुईदुकुम पढ़ें और मिट्टी कब्र पर डालें यह आपकी मिट्टी देने की दुसरी दफा हुई।

अब तीसरी बार में व मिनहा नुखरि जुकुम तारतन उखरा दुआ पढ़कर मिट्टी डालें और हमेशा यानी तीनों बार मिट्टी आराम और नर्मी से कब्र पर डालें।

और ख़ुद से हो सके तो न की सिर्फ अपने से मिट्टी देते वक्त बल्की सभी लोग को मिट्टी देते वक्त आप जोर जोर से मिट्टी देने की दुआ पढ़ते रहें।

ऐसा करने यानी सभी को मिट्टी देते वक्त तक मिट्टी देने की दुआ का पढ़ना बहुत आला नेकी है और जब तक कब्र के पास रहें तब तक पहला कलिमा पढ़ते रहें।

मिट्टी देने के बाद हांथ में जो भी मिट्टी है उससे धो लें या फिर किसी कारणवश न धो पाएं तो अच्छी तरह से हांथ झाड़ लें ये इख्तियार है।

मिट्टी देने के बाद भी कब्र के पास ही थोड़ी देर के लिए रहें और दफ़न होने वाले पर दुआ सूरह की तिलावत करते रहें जिससे वो कब्र की अजाब से बचें और सवालात में आसानी हो।

मिट्टी देते वक्त ध्यान रखने योग्य बातें

  1. मिट्टी देते वक्त बैठना नहीं चाहिए।
  2. दोनों हाथों को मिला कर मिट्टी को उठाएं।
  3. आपको कब्र के उपर मिट्टी सिर्फ़ तीन बार देनी है।
  4. मिट्टी देते वक्त ख़ुद में किसी तरह की कोई जल्दबाजी ना हो।
  5. मिट्टी देने के बाद जल्दबाजी में कहीं से यानी नए रास्ते से ना निकलें यह नजाईज है।
  6. दफन के बाद हो सके तो सूरह बकर का अव्वल अलिफ लाम मीम से मुफलिहून तक पढ़ें।
  7. इसके बाद सूरह बकर का आख़िर पाइनती पढ़ें यानी शुरू आप आमनर्रसुल से करें और आख़िर तक पढ़ें।

Mitti Dene Ki Dua FAQs

मिट्टी कितनी दफा देनी चाहिए?

मिट्टी सिर्फ़ तीन दफा ही देनी चाहिए ना कि पांच बार यह आज कल आम हो गया है।

मिट्टी देते समय क्या पढ़ना चाहिए?

मिट्टी देते समय मिट्टी देने की दुआ और ला इल्लाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसुलुल्लाह पढ़ना चाहिए।

आखिरी बात

आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही ज़रूरी दुआ यानी मिट्टी देने की दुआ अपने मनपसंद भाषा में पढ़ा हमने इस पैग़ाम में मिट्टी देने की दुआ हिंदी इंग्लिश और अरबी में भी लिखा था जिससे आप अपने पसंदीदा लैंग्वेज में पढ़ कर आसानी से अपने जहन में भी बसा लें।

अगर अभी भी कब्र पर मिट्टी देने की दुआ से जुड़ी कोई सवाल या डाउट आपके मन में हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें ताकि हम आपके सवाल का जवाब और डाउट को क्लियर कर सकें क्योंकी मेरा मकसद अव्वल से अभी तक यही है कि हम अपने मजाहिब को आसानी से इल्म पहुंचा सकें।

अगर यह पैगाम आपको अच्छी लगी यानी इस छोटे से पैग़ाम से आपको कुछ भी हासिल हुई हो तो अपने सभी अहबाबों और दोस्तों के साथ अपनी इल्म सवाब की नियत से ज़रूर बताएं और जिन तक आप नहीं पहुंचा सकते उन सभी तक इस पैगाम को शेयर करें शुक्रिया।

My name is Shah Noor and I'm the Editor and Writer of Learnaze. I'm a Sunni Muslim From Jannatabad, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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