आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप पानी पीने की सुन्नत और सही तरीका जानेंगे हमने यहां पर पानी पीने का सुन्नत तरीका बहुत ही आसान लफ्ज़ों में बताया है जिससे आप आसानी से याद भी रखेंगे।
हम सभी लोग न जानें दिन भर में कितनी बार पानी पीते हैं जो हम सभी के लिए बहुत ही ज़रूरी है क्योंकी यह शरीर को काफी फायदे देता है साथ ही पानी सुन्नत के मुताबिक़ पियेंगे तो और भी फायदा हासिल होगी।
ऐसे में आप इस पैग़ाम को ध्यान से आखिर तक पढ़ें और हर रोज अमल में लाएं यकीनन कुछ ही दिनों के बाद यह आप की आदत बन जाएगी जिससे आप दुनिया के साथ साथ आखीरत में भी फ़ायदे में रहेंगे।
Pani Peene Ki Sunnat
- दाहिने हांथ से पीना
- बैठ कर पानी पीना
- बिस्मिल्लाह पढ़ना
- तीन सांस में पीना
- बगैर फुंके पीना
- कुदरती ठंडा पीना
- बर्तन में सांस न लें
- प्याले में पीना
- पानी चूस कर पीना
Pani Peene Ka Sunnat Tarika
सुन्नत और शरीयत के मुताबिक़ पानी पीना हमेशा दाहिने हाथ से पीना चाहिए इसी लिए जब कभी आप कोई भी चीज़ पिएं तो हमेशा दाहिने हांथ से पिएं।
जब कभी पानी या कोई भी चीज पिएं तो इत्मीनान के साथ बैठ कर पिएं सिवाय आबे जमजम और वजू का बचा हुआ पानी जो खड़े हो कर पीना दुरुस्त है।
इस्लाम के शुरुआती दौर में लोग चलते फिरते खा लिया करते और खड़े हो कर पी लिया करते मगर हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बैठ कर खाने पीने की नसीहत फरमाई।
पानी पीने से पहले बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़कर के ही हमेशा पानी पिएं इस्लाम ने हमें सबसे पहला सबक यही दिया है कुछ भी सही करने से पहले अल्लाह का नाम लें।
आपको भी मालूम होगा कि जो चीज़ अल्लाह के नाम से शुरू की जाती है अल्लाह की रजा उसमें शामिल हो जाती है इसी लिए पीने से पहले भी पढ़ लें।
पानी कम अज़ कम तीन सांस में ज़रूर पीना चाहिए एक बार पी कर बर्तन को मूंह से हटा कर सांस लें तीनों सांस में इसी तरह करें।
पहली और दूसरी सांस में एक एक घूंट पिएं और तीसरी सांस में ज्यादा घूंट पिएं या फिर इससे भी ज्यादा सांस ले कर आप पी सकते हैं।
कभी भी पानी में फूंक ना मारे अगर कोई चीज़ पानी में गिरा भी हो तो उसे एक तरफा झुका कर गिरा दें पानी हमेशा चूस कर पिएं घट घट से नहीं।
सोने चांदी की बर्तन में भी पानी नहीं पीना चाहिए इससे अमीरी जाहिर होती है इसीलिए हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सोने चांदी की बर्तन में पीने से मना फ़रमाया है।
पानी अक्सर प्याले व गिलास से पीना चाहिए हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पानी पीने के लिए प्याला और गिलास को भी इस्तेमाल में लाते थें।
पानी पीने का आदाब
पानी या फिर किसी और भी पीने की चीज़ को पीने का आदाब और सुन्नत तरीका यह है कि सबसे पहले बैठ जाएं लेकीन अगर आबे जमजम यानी जमजम पीते हुए खड़े रहें।
इसी तरह वजू का बचा हुआ पानी जो वजू करने के बाद लोटे वगैरा में बच जाए उसे भी खड़े हो कर ही पीना चाहिए और बाकी पीने की चीज़ को बैठ कर पिएं।
जब पीने वाली चीज़ को गिलास या किसी बर्तन में हो उसे अपने दाएं हाथ से पकड़े और उसे मूंह के करीब ला कर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।
इसके बाद अब पानी पीना शुरू करें ज्यादा से ज्यादा चुस्की लगा कर पिएं पीते वक्त तीन बार बर्तन को मूंह से हटा हटा कर सांस लें।
आप चाहें तो तीन सांस से ज्यादा में भी पी सकते हैं लेकीन कम ना करें और हो सके तो हर बार पीने से पहले बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ लें ये बेहतर है।
अब पानी पीने के बाद अल्लाह का शुक्र अदा करें और अल्हम्दु लिल्लाह कहें अगर पानी बची हुई हो तो उसे न फेंके यह आपके लिए फिजुलखर्ची होगी।
पानी पीने के बाद जब अल्लाह का शुक्रिया अदा कर लें इसके बाद आप पानी पीने की दुआ में पानी पीने के बाद की दुआ भी ज़रूर पढ़ें।
पानी पीलाने का सुन्नत तरीका
आज कल हम सभी लोग नेक व खैर काम में खूब बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं जैसे जरूरतमंदों को खिलाना पिलाना, महफिल में या कहीं पर जहां एक से ज्यादा इंसान हो तो वहां पीने के लिए तकसीम करने का यह तरीका है कि पहले दाएं जानिब से तकसीम करना शुरू करें।
एक हदीस शरीफ के मुताबिक हज़रत सहल बिन सअद रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खिदमत में पानी पेश किया गया आपने नोश फ़रमाया, आपकी दाहिनी तरफ एक लड़का और बाएं तरफ बुजुर्ग लोग थे आपने लड़के से पुछा क्या तुम इजाजत देते हो कि पहले इनको दुं लड़के ने अर्ज किया नहीं मैं आपकी तरफ से मिलने वाला अपने हिस्से पर किसी को अहमियत नहीं दुंगा चुनान्चे आपने बर्तन उसके हांथ में रख दिया।
पानी पीने से जुड़ी ख़ास हदीस
हज़रत हफसा रजियल्लाहु अन्हा फरमाती हैं कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दाहिना हाथ मुबारक खाने पीने और लिबास के लिए इस्तेमाल फरमाते दुसरे कामों के लिए बायां हाथ इस्तेमाल करते।
हज़रत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है कि रसुले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया तुम में से कोई शख़्स खड़े हो कर न पिए और जो पी ले उसे उगल दे।
हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हुमा से रिवायत है कि रसुलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मश्क में मुंह से मुंह लगा कर पीने से मना फ़रमाया है।
हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हुं से रिवायत है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास एक शिशे का गिलास था जिसमें आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पानी पिया करते थे।
FAQs
पानी पीने की कितनी सुन्नत है?
पानी पीने की 7 खास और खुशगवार सुन्नत है।
पानी पीने के बारे में पैगंबर ने क्या कहा?
पानी पीने के बारे में हमारे प्यारे पैगंबर ने तीन बार में पानी पीने को कहा यह मुफीद और खुशगवार है।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में पानी पीने का सुन्नत तरीक़ा बहुत ही साफ और आसान लफ्ज़ों में पढ़ा साथ ही पानी पीने की सुन्नत से मुताअलिक आदाब और हदीस भी पढ़ी जो आपके लिए काफी मददगार रहा होगा अगर अभी भी आपके मन में कुछ सवाल हो तो कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी यहां से आप को कुछ ख़ास और अच्छी इल्म हासिल हुई हो तो ऐसे इल्म को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं जिससे सभी लोग अमल में लाएं और आपके और हमारे नेकियों में इज़ाफा होता रहे साथ ही अपने नेक दुआ में हमें भी याद रखें शुक्रिया।
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