Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika – 2025 शबे बरात की नमाज़ का तरीका

आज के इस पैगाम के माध्यम से आप Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika जानेंगे, इस रात को हम सभी निजात वाली रात, रहमत वाली रात, बरकत वाली रात और परवाना मिलने की चेक मिलने वाली रात भी कहते हैं।

हमें इस रात को हमा तन कुरआन ख्वानी और नवाफिल में मशगूल रहना चाहिए जितनी हो सके बढ़ चढ़कर इस रात में इबादत करनी चाहिए।

यह मुबारक रात यानी शबे बरात की रात सिर्फ इबादत की रात है, हम सभी अपने रब के मोहताज के साथ साथ अल्लाह तआला की हमेशा मदद चाहते हैं।

और हमारा रब रहीमों करीम है वो अपने बंदों की ख्वाहिश पूरी करता है बस हमें मांगने का सलिका चाहिए और ऐसा सालिका अल्लाह तआला ने कई तरह से अपने बन्दों को नवाजा है।

आज हम एक ऐसे ही आलिशान इबादत के बात करेंगे जिसे शबे बारात की इबादत कहते हैं,यह इबादत भरी रात बन्दों की मगफिरत और दूआवों की कुबुलियत के लिए मशहूर है।

इसीलिए हमें इस रात में जरूर इबादत करनी चाहिए, तो आइए आज हम इस रात को यानी शबे बरात की रात में की जानें वाली इबादत का मुकम्मल तरीका जानते हैं।

Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika

सबसे पहले आपको इस बात का इल्म देते चलूं कि शबे बारात की नमाज यानी शबे बारात की रात में अलग अलग नमाज अलग अलग तरह से कई तरह की बरकत व रहमत भरी नफ्ल नमाज अदा करने का हुक्म शरीयत में है।

हम आपको यहां पर सभी नमाज अदा करने का सही व दुरूस्त तरीका बताएंगे जिससे आप शबे बरात में सही से नमाज अदा कर के अपने हर छोटे बड़े गुनाहों की बख़्शिश पा सकेंगे।

Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika
Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika

और साथ ही खुब सारे दौलत ए सवाब व नेकी से मालामाल होंगे और आपकी हर नेक व जायज तमन्ना पुरी होंगी इंशाअल्लाह तआला।

सबसे पहले हम आपको यहां पर बाद नमाज इशा के शबे बरात में नमाज अदा करने का सही तरीका बताया हूं।

यहां पर सबसे पहले मैं इशा बाद शबे बरात की नमाज अदा करने का तरीका इसलिए बता रहा हूं क्योंकि बहुत सारे आशिके रसूल इशा बाद ही शबे बरात में शिरकत फरमाते हैं।

इसके बाद आप नीचे की जानिब शबे बरात की सभी तरह के फजीलत रहमत व बरकत भरी नमाज अदा करने का तरीका जानेंगे।

और फिर अपने नामाए आमाल में नेकियों का अंबार शामिल कर सकेंगे आपको भी मालुम होगा कि शबे बरात की फजीलत बहुत है।

Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika – पहली रकात

  • सबसे पहले नियत करके अपना हांथ बांध लें।
  • इसके बाद सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पुरा पढ़ें।
  • फिर तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  • इसके बाद तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
  • अब अल्हम्दु शरीफ यानी सूरह फातिहा पढ़ें और आमिन कहें।
  • अब सूरह इखलास यानी कुल हुवल्लाहु शरीफ 10 मरतबा पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  • यहां रूकूअ में 3, 5, या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  • इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सिधे सज्दे में जाएं।
  • यहां पर 3, 5, या 7 मरतबा सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं।
  • इसके बाद तुरंत अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  • यहां भी कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika – दुसरी रकात

  • यहां पहले सिर्फ अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
  • फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़कर सूरह फातिहा पढ़ें।
  • सूरह फातिहा पुरा पढ़ने के बाद आहिस्ते से आमिन कहें।
  • फिर यहां पर भी आप 10 मरतबा सूरह इखलास पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं।
  • रूकूअ में यहां भी कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  • इसके बाद समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रूकूअ से उठें।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और तीन बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर बैठ जाएं फिर तुरंत ही अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरी सज्दा करें।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए उठ कर तशह्हुद में बैठ जाएं और अत्तहिय्यात पढ़ें।
  • अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली खड़ा करें और तुरंत इल्ला पर गिरा दें।
  • अब दुरूदे इब्राहिम पढ़ें इसके बाद आप दुआए मासुरा पढ़ेंगे और सलाम फेर लें।

पहले अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने तरफ गर्दन घुमाएं फिर बाएं तरफ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए गर्दन घुमाएं।

यहां पर आपकी 2 रकात शबे बरात की नमाज मुकम्मल हुई इसे इशा बाद पढ़ना है आप इसी तरह दो – दो रकात करके 100 एक सौ रकात पढ़ें इसकी बरकत और फजीलत बताते हैं आपको।

एक रिवायत है कि जो शख्स शबे बरात में 100 रकात इस तरह से पढ़ें कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास यानी कुल हुवल्लाहु शरीफ 10 मरतबा पढ़ें।

तो अल्लाह तआला उसकी तरफ सत्तर दफा निगाह फरमाएगा और हर निगाह उसमें की सत्तर हाजत पुरी फरमाएगा सबसे अदना यानी छोटी हाजत उसकी मग़फिरत व बख़्शिश है।

शबे बरात में इशा बाद यह नमाज भी पढ़ें

शबे बरात की‌ रात में इशा की नमाज अदा करने के बाद 12 रकात नमाज इस तरह से पढ़ें कि हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 10 मरतबा सूरह इखलास पढ़ें।

हर नमाज के बाद दस बार चौथा कलमा तौहिद दस बार कलमा तम्जिद और एक सौ मरतबा दुरूदे पाक पढ़ें यह नमाज बहुत ही अफ़जल है।

शबे बरात‌ की रात यह नमाज भी ज़रूर पढ़ें

एक रिवायत में है कि हुज़ूर अक़दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि जो मेरा नियाज मंद उम्मती शबे बरात में नमाज 10 रकात इस तरह से पढ़े।

की हर रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद सूरह इखलास ग्यारह ग्यारह बार पढ़े तो उसके गुनाह माफ होंगे और उसकी उम्र में बरकत होगी।

शबे बरात की रात मगरिब बाद यह नमाज पढ़ें

सबसे पहले 2 रकात नमाज पढ़ें नमाज पढ़ने से पहले अपने रब से अर्ज़ करें कि ऐ अल्लाह इन दो रकात की बरकत से मुझे खैरो बरकत के साथ उम्र दराजी अता फरमा, इस नमाज को आप को बाकी नफ्ल नमाज की तरह पढ़ना है।

फिर 2 रकात इस तरह पढ़ें

फिर दो रकात नमाज अदा करें यहां भी अदा करने से पहले अपने रब से अर्ज़ करें कि ऐ मेरे अल्लाह इन दो रकात नमाज के बरकत से हर तरह की बला से हिफाज़त फरमा। इंशाअल्लाह वो बहुत मेहरबान रहमत वाला है।

इसके बाद 2 रकात इस तरह पढ़ें

फिर इसके बाद और दो रकात नमाज अदा करें और अदा करने से पहले अल्लाह तआला से यह अर्ज़ करें कि ऐ मेरे रब इन दो रकात नमाज की बरकत से मुझे सिर्फ अपना मोहताज रख और गैरों की मोहताजी से बचा।

हर दो रकात नमाज अदा करने के बाद सूरह यासीन शरीफ एक मरतबा और एक मरतबा दुआए निस्फ शाबान की दुआ पढ़ें मेरा रब अल्लाह तबारक व तआला बहुत शहंशाह और मेहरबान है‌ वह हमारी और आपकी हर ख्वाहिश पुरी फरमाएगा।

शबे बरात में सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ना कैसा?

आप जब इन नामाजों को मुकम्मल कर लें और अगर वक्त बंचे तो इस रात सलातुल तस्बीह की नमाज भी पढ़ लें इसकी भी बड़ी फजीलत है।

पुरी रात आप इबादत में मशगूल रहें हर रोज तो सोते ही हैं इस रात अपने गुनाहों‌ की मगफिरत करा लें गुनाहों की दौलत से मालामाल हैं हमलोग।

शबे बरात की नमाज़ की नियत

नियत कि मैंने दो रकअत नमाज शब ए बरात की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

शबे बरात की अरबी नियत हिन्दी में

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफत्ही अल्लाहू अकबर।

गौर करें:- हर दो रकअत शबे बरात की नफ्ल की नियत इसी तरह से करें।

Read Details: Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat

शबे बरात में किए जाने वाले आमाल

  • सबसे पहले तौबा और इस्तिगफार करें, किसी को हक हो तो फ़ौरन अदा करें।
  • जब शाबान की पंद्रहवी तारीख आए तो रात में इबादत करें और दिन में रोज़ा रखें।
  • सदका व खैरात करें की हुसुले सवाब के साथ सदकात व खैरात से बलाएं रद होती है।
  • पंद्रहवी शब को गुस्ल करें, शुर्मा लगाएं, दुआ पढ़े खुदा न चाहा तो आंखों में कभी तकलीफ नहीं होगी।
  • अहलो अयाल के खातिर मदारात करें अच्छी और उम्दा गिजा खाएं और खिलाएं।
  • जियारते कुबूर के लिए खुसूसन इस रात को अहले सुन्नत के कब्रिस्तान पर जाएं।
  • जिक्रे खुदा व रसुल की महफिल सजाएं हम्द व नात और मनकबत पढ़े मिलादे पाक बयान करें।
  • अपने लिए अपने अहलो अयाल के लिए साथ ही दुनियां के लिए भी खूब दुआ कीजिए और दुआए निस्फ शाबान पढ़िए।

आखिरी बात

आज आपने जाना की शबे बरात की नमाज़ को दुरूस्त तरीके से किस तरह मुकम्मल किया जाता है, आपको और भी शबे बरात से जुड़ी इल्म हासिल हुई होगी, हमें उम्मीद है कि इस पैगाम को पढ़ने के बाद आप शबे बरात की इबादत आसानी से अदा कर सकेंगे।

हमने इस पैगाम को अच्छे तरीके से समझने के लिए सभी लोगों को बहुत ही आसान तरीके से पेश किया है क्योंकि हम चाहते हैं कि पढ़ने वाले को सभी जानकारी आसानी से समझ में आ जाए और वह आसानी से इबादत कर सके, और हमें एहसास हो रहा है कि हम इस कोशिश में कामयाब हो रहे हैं।

अगर आप अपना कुछ शुकराना शब्द हमें बोलना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से बोल सकते हैं या फिर किसी भी तरह की सवाल की जवाब जानना चाहते हैं तो भी कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने सवाल की जवाब जान सकते हैं साथ ही साथ अपने दुआओं में हमें भी याद रखें।

My name is Shah Noor and I'm the Editor and Writer of Learnaze. I'm a Sunni Muslim From Jannatabad, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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