आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप बहुत ही ख़ास सूरह यानी कि अरा अय्तल लजी सूरह माउन पढ़ेंगे, हमने यहां पर बहुत ही साधारण लफ्ज़ों में अरा अय्तल लजी यानी की सूरह माउन को लिखा है आप इसे अच्छे से पढ़ें और अपने जहन में भी इससे समा लें।
हम सभी को ऐसा सूरह यानी अरा अय्तल लजी सूरह माउन तो याद ज़रूर होना चाहिए जिससे हम लोग इसे हर वक्त नहीं तो कम से कम मुसीबत के वक्त पढ़ सकें इसीलिए आप यहां पर भी इस अरा अय्तल लजी सूरह माउन को याद कर लें आपको बता दें कि इसकी फज़ीलत भी बहुत है।
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Surah Araital Lazi In Hindi
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- अरा अय्तल लजी युकज्जिबु बिद्दीन
- फजालिकल लजी यदुअ अल यतीम
- वला य हुद्दु अला तआमिल मिस्कीन
- फवै लुल लिल मुस्सलीन
- अल लजी न हुम अन सला तिहीम सा हु न
- अल लजी न हुम यूरा उन
- व यम नउनल माऊन
सूरह अरा अय्तल लजी हिंदी में
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. अरा अय्तल लजी युकज्जिबु बिद्दीन. फजालिकल लजी यदुअ अल यतीम. वला य हुद्दु अला तआमिल मिस्कीन. फवै लुल लिल मुस्सलीन. अल लजी न हुम अन सला तिहीम सा हु न. अल लजी न हुम यूरा उन. व यम नउनल माऊन
Araital Lazi Surah Tarjuma In Hindi
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला भला देखो तो जो दीन को झुठलाता है फिर वह वो है जो यतीम को धक्के देता है और मिस्कीन को खाना देते की रगबत नहीं देता तो उन नमाजियों की खराबी है जो अपनी नमाज भुल बैठे हैं वो जो दिखावा करते हैं और बरतने की चीज मांगे नहीं देते।
Surah Araital Lazi Transliteration
Araital Lazi Yu Kazzibu Bid Deen. Fa Zaalikal Lazi Yadu ul Yateem. Wa La Ya Huddu Alaa Ta’amil Miskeen. Fa Wai Lul Lil Mu Salleen. Al Lazeena Hum an Salaatihim Sahoon. Al lazeena Hum Yuraa oon. Wa Yam Na oonal Ma oon.
Surah Maun Tarjuma In Hindi
Allah Ke Naam Se Shuru Jo Bahut Meharbaan Rahmat Wala. Bhalaa Dekho To Jo Deen Ko Jhutlata Hai. Fir Wah Wo Hai Jo Yateem Ko Dhakke Deta Hai. Aur Miskeen Ko Khana Dete Hi Ragbat Nahi Deta. To Un Namaziyon Ki Kharaabi Hai Jo Apni Namaz Bhul Baithe Hain. Wo Jo Dikhawa Karte Hain. Aur Baratane Ki Cheej Maange Nahin Dete.
अरा अय्तल लजी सूरह के बारे में जानिए
अरा अय्तल लजी सूरह यानी सूरह माउन मक्की है और यह भी कहा गया कि आधी मक्कए मुकर्रमा में उतरी आस बिन वाइल के बारे में और आधी मदीनए तैय्यिबह में अब्दुल्लाह बिन उबई बिन सलूल मुनाफीक के बारे में इसमें 1 एक रूकुअ 7 सात आयतें 25 पच्चीस कलीमें और 125 एक सौ पच्चीस अक्षर है।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में सूरह माउन यानी अरा अय्तल लजी सूरह को पढ़ा और साथ ही अरा अय्तल लजी सूरह की तर्जुमा भी जाना हमें यकीन है कि आप इस सूरहअरा अय्तल लजी यानी सूरह माउन को पढ़ने के साथ साथ अपने जहन में भी बसा लिया होगा।
यहां पर हमने सभी हर्फ को अच्छे से लिखा जिससे आप हर एक अच्छे से पढ़ कर आसानी से समझ जाएं आप को अच्छे से समझ आने के लिए अरा अय्तल लजी सूरह हिंदी के साथ इंग्लिश टेक्स्ट में भी लिखा जिससे आप हिंदी में न समझ आए तो इंग्लिश टेक्स्ट पढ़ कर समझ सकें।
अगर अभी भी आपके मन में अरा अय्तल लजी सूरह से जुड़ी कुछ बात हो तो हमसे कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं यदि आप इसे याद भी कर लिए हैं तो सुब्हान अल्लाह क्या ही बात है अगर ना भी याद हुई हो तो दो से तीन मरतबा ध्यान से अरा अय्तल लजी सूरह पढ़ कर याद कर लें।