आज यहां पर आप एक बहुत ही ख़ास और खैर व बरकत भरी इल्म यानी वजू की सुन्नत से रूबरू होंगे हमने यहां पर वजू की सुन्नत कितनी और कौन कौन है इसकी जानकारी हिंदी के साफ लफ्जों में बताया है।
जिसे पढ़ने के बाद आप बहुत ही आसानी से वजू की सुन्नतें समझ जाएंगे यकीनन इसके बाद फिर आपको कहीं पर भी यह नहीं खोजनी पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर पुरा बात को आख़िर तक ध्यान से पढ़ें।
Wazu Ki Sunnat Kitni Hai
वजू की 14 सुन्नत निम्नलिखित है:-
- नियत करना
- बिस्मिल्लाह पढ़ना
- दोनों हांथ गट्टों तक धोना
- मिस्वाक करना
- तीन बार कुल्ली करना
- तीन बार नाक में पानी डालना
- दाढ़ी का खिलाल करना
- हाथ-पांव की उंगलियों का खिलाल करना
- हर अज्व को तीन बार धोना
- पुरे सर का मसह करना
- दोनों कानों का मसह करना
- तरतीब से वजू करना
- अजा को लगातार धोना
- दाढ़ी के बाल का मसह करना
आपने अभी तक जाना कि वजू के 14 सुन्नत होती है अब आइए हर सुन्नत को अच्छे से जानते हैं क्योंकी सिर्फ सुन्नतें ही नहीं बल्कि हर सुन्नतों को अच्छे से समझना भी जरूरी है।
पहली सुन्नत नियत करना
यहां पर आप को दिल से नियत करने को कहा गया है आप अपने दिल में पक्का इरादा करें।
अपने दिल से इस इरादे से वजू करें कि हम अपने रब की रजा और उसकी इबादत के लिए वजू कर रहे हैं।
इसके बाद बिस्मिल्लाह पढ़ना
हर नेक व जायज़ काम की तरह वजू करने से पहले भी जरूर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
आप इसे भूलें नहीं ऐसा नहीं की आपकी वजू नहीं होगी लेकिन यह मेरे नबी की सुन्नत है।
दोनों हांथ गट्टों तक धोना
यहां पर आप अपने दोनों हाथों को एक दुसरे हांथ के मदद से तीन तीन बार गट्टों तक अच्छे से धोएं।
अगर आप किसी चीज़ में डूबों कर वजू कर रहे हैं तो गट्टों तक धोने के लिए सिर्फ उंगली डालेंगे।
मतलब यह कि अगर हौज में या कहीं पर ज्यादा पानी हो वहां पुरा हंथेली न डालें सिर्फ उंगली की मदद से धोएं।
चौथी सुन्नत मिस्वाक करना
मिस्वाक दातों की चौड़ाई से करें सबसे पहले दाहिने जानिब की उपर की दांत को मांजे।
इसके बाद दाहिने तरफ की नीचे की दांत फिर इसी प्रकार बाएं जानिब भी मिस्वाक करें।
फिर तीन बार कुल्ली करना
यहां तीन बार कुल्ली इस तरह करें कि पानी तमाम मूंह के अंदर हलक की जड़ तक पहूंच जाए।
अगर आप रोजे की हालत में नहीं हैं तो आप अच्छे से गरारा करें जिसे सब जगह पानी पहूंच जाए।
तीन बार नाक में पानी डालना
इस तरह से नाक में पानी डालें कि नर्म हड्डी तक वहां तक पानी पहूंच कर अच्छे से बह जाए।
अगर रोजे की हालत में न हो तो नाक के जड़ तक पानी पहुंचाएं दाहिने हांथ की मदद से।
फिर बाएं हाथ की मदद से नाक साफ करें और छोटी उंगली से अंदर की मैल निकालें।
दाढ़ी का खिलाल करना
यह पुरुष हजरात के लिए है कि मूंह धोते वक्त दाढ़ी का खिलाल अच्छे से करें।
इस तरह से की गले की तरफ से उंगली डालें और उपर निकालें एहराम बांधे हुए हैं तो कोई हर्ज नहीं।
हाथ-पांव की उंगलियों का खिलाल करना
हांथ की उंगलियां को एक दुसरे हांथ की मदद से खिलाल करें पांव को बाएं हाथ से खिलाल करें।
इस तरह से की पहले दाहिने पांव में छोटी उंगली से शुरू करें और अंगूठे पर खत्म करें।
लेकिन बाएं पांव में जस्ट उल्टा करें यानी अंगूठे से शुरू कर के छोटी उंगली पर खत्म करें।
हर अज्व को तीन बार धोना
इस सुन्नत में वजू में धुलने वाले हर हिस्से को तीन बार अच्छे से धोने को कहा गया है।
अगर एक हिस्सा भी धुलने से बाकी रह गया तो याद रखें कि वजू की सुन्नत अदा नहीं होगी।
सर का और कानों का मसह करना
यहां पर पूरे सर का मसह और कानों का मसह करने को कहा जा रहा है इस तरह की।
पहले मूंह और हांथ धो कर सर का मसह करें इसके बाद पांव को धोना चाहिए।
तरतीब से वजू करना
यहां पर तरतीब यानी सही तरीके से वजू करने को कहा जा रहा है इस तरह से की।
पहले मूंह फिर हांथ फिर मसह करना फिर पांव धोना अगर ऐसा नहीं किया तो वजू की सुन्नत अदा नहीं होगी।
अजा को लगातार धोना
अजा को लगातार धोना यानी एक के बाद एक हिस्से को सूखने से पहले लगातार धोते चले।
ऐसा अगर हो की इस हिस्से को धोने से पहले धोया हुआ सुख गया तो वजू की सुन्नत अदा न होगी।
दाढ़ी के बाल का मसह करना
दाढ़ी के जो बाल मूंह के नीचे हो उनका भी मसह करना यह चीज़ वजू की सुन्नत है।
और धोते वक्त इसे भी धोना चाहिए कि इस धोना भी मुस्तहब है तो ध्यान रखें।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में एक बहुत ही काम की जानकारी हासिल किया जिसमें आपने बहुत ही आसानी से वजू की सुन्नत और हर सुन्नत का डिटेल्स भी पढ़ा और समझा यकीनन अब आप बहुत ही आसानी से वजू की सुन्नत के साथ वजू करेंगे और अपने हक में सवाब पाएंगे।
अगर अभी भी आपके जहन में इसे सम्बन्धित कोई सवाल या फिर किसी तरह का डाउट हो या फिर कहीं पर भी समझने में दिक्कत आई हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब जरूर देंगे साथ ही साथ इसे अमल में भी लाएं।
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी या यूं कहुं इस पैग़ाम से कुछ अच्छी इल्म सीखने को मिली हो तो आप भी उन्हें जरूर बताएं जिन्हें ना मालुम हो साथ ही इस पैग़ाम को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचाएं और अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।
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