आप इस पैग़ाम में निहायत जरूरी इल्म हासिल करेंगे की वजू में कितने फर्ज है हम सब को नमाज़ अदा करने से कब्ल या फिर कुछ भी राह ए खुदाबंदी में पेश होने के लिए वजू करना बहुत ही ज़रूरी होता है।
हम सब को ऐसे में वजू का फर्ज मालूम होना चाहिए क्योंकि इस के बगैर वजू होता ही नहीं है फर्ज का माना बहुत ज़रूरी होता है आप यहां पर वजू के फर्ज जानेंगे साथ ही वजू का फर्ज पूरा कर ने का तरीक़ा भी जानेंगे।
Wazu Me Kitne Farz Hai
वजू में 4 चार फर्ज है
- मुंह धोना
- कोहनियों समेत दोनों हाथ धोना
- सर का मसह करना
- टखनों समेत दोनों पांव को धोना
फर्ज किसे कहते हैं?
फर्ज वह चीज़ जो दलाइल ए कतई यानी कुरान और हदीस से साबित हो फर्ज का अदा करना निहायत ज़रूरी होता है जो फर्ज हो वो अगर नही किया या पूरा हुआ तो वो चीज जो आप कर रहे हो वह होगा ही नहीं।
फिर से शुरू कर के उसे मुकम्मल करना होगा, आप नीचे वजू के चारो फर्ज का खुलासा जानेंगे साथ ही वजू का फर्ज को अदा और पूरा करने का सही तरीका भी जानेंगे, वजू बहुत ही ज़रूरी है इसीलिए वजू का फर्ज़ ज़रूर जान लें।
वजू का पहला फर्ज मुंह धोना
वजू करते समय यह ज़रूर ख्याल रखें कि अपने चेहरे की लंबाई से धोना शुरू करें यानी सर में पेशानी की तरफ का वह हिस्सा जहां से आम तौर पर बाल जमने शुरू होते हैं।
यहां से शुरू करें फिर अपने ठोड़ी तक धोएं और चौड़ाई में एक कान से दुसरे कान तक इस तरह से धोएं की अन्दर चमड़े के हर हिस्से पर एक बार बह जाए यही फर्ज है।
वजू का दुसरा फर्ज हाथों को धोना
यह बहुत ही नज़र व जहन में रखने वाली बात है कि वजू करते समय अपने हाथ को कोहनी से लेकर के हाथ के आख़िरी हिस्से तक खूब अच्छी तरह से धोएं।
अगर कोहनियों से नाखून तक कोई जगह थोड़ा भी धुलने से रह जाएगी तो वजू होगी ही नहीं इसी तरह अपने दोनो हाथों को हर हिस्से यानी कोहनी से नाखून तक सभी हिस्से को धोएं।
अपने हाथों से हर किस्म के गहने या हाथ में पहनने की चीज़ चाहे जैसे भी हो उतार लें अगर आप को लगे की इसे पहने हुए करे तो पानी चला जाए तो कोई हर्ज़ नहीं रहने दें।
अगर नहीं उतारा तो सभी पर अच्छी तरह पानी बहाएं जिस से नीचे तक पानी पहुंच जाए अगर ज्यादा जकड़ा हुआ हो तो उसे अच्छी तरह से बहाते हुए हिलाएं।
वजू का तीसरा फर्ज सर का मसह करना
सर का मसह इस तरह से करें कि अपने हाथ की हथेलियों को अच्छी तरह से भीगा कर के चौथाई सर का मसह करें इसका ख्याल रखना बहुत ही ज़रूरी है।
क्योंकी कभी कभी लोग ऐसे ही बगैर अच्छी तरह मसह करे ही वजू करके उठ जाते हैं ऐसे में वजू होगा ही नहीं अगर बाल न हो तो भी चौथाई हिस्से का मसह करें।
इमामे पगड़ी और दुपट्टे पर मसह काफ़ी नहीं लेकीन टोपी दुपट्टा इतना बारीक हो की पानी अलग हो कर चौथाई सर को भीगा दे तो ऐसे में मसह हो जाएगा।
वजू का चौथा फर्ज पावों को धोना
इस तरह से अपने पैरों को कम से कम एक बार धोए की पांव के गट्टों समेत अच्छी तरह उस पर पानी बह जाए छले व गहना हो तो उसे निकाल लें।
अगर ऐसा हो की उससे पहने हुए ही अन्दर पानी चला जाए और धूल जाए तो कोई हर्ज नहीं सभी हिस्सों में पानी बह जाए इस का ख्याल रखें वरना वजू नही होगा।
FAQ
वजू करने समय घड़ी पहने हो तो उतारना चाहिए?
अगर घड़ी ढीली हो तो पानी को अच्छे से बहाएं तंग हो तो हिला कर बहाएं अगर अन्दर पानी न पहुंचे तो घड़ी खोल लें।
अगर बाल लटका हो तो मसह होगा?
अगर सर का बाल लटका हो तो उस पर मसह हरगिज़ नही होगा सिर्फ सर के नज़दीक के बाल का होगा।
पांव में रस्सी बंधी हो तो फर्ज पूरा होगा या नहीं?
किसी बिमारी की वजह से लोग पांव के अंगूठों में तागा बांधते हैं ऐसे में पानी न पहुंचे तो फर्ज पूरा नहीं होगा।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में जाना की वजू में कितने फर्ज होते हैं हमें यकीन है कि आप इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद वजू का फर्ज से जुड़ी सभी तरह के सवालों का जवाब भी पा लिए होंगे अब भी अगर वजू से जुड़ी कुछ सवाल हो तो हमसे आप कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।
अगर यह छोटा सा पैग़ाम आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने इस्लामी मोमिनों तक भी पहुंचाएं जिससे वो सब भी इस इल्म से रुबरू हो सकें और खुद के साथ अपने अजीजों को भी इस पर अमल करने के लिए बोलें, साथ ही अपने नेक दुआओं में भी हमें याद रखें। शुक्रिया!
3 thoughts on “Wazu Me Kitne Farz Hai – वजू में कितने फर्ज है?”