आज के इस खूबसूरत पैगाम में आप बहुत ही उम्दा सूरह यानी सूरह अलम नशरह हिंदी में पढ़ेगे जिससे हम सब सूरह इंशिराह से भी जानते हैं जिससे कुरान पाक के सबसे आखिरी पारे में अल्लाह तआला ने नाजिल फरमाया।
आप आज इसी सूरह यानी सूरह अलम नशरह हिंदी में पढ़ने के साथ साथ इसके हर एक हर्फ के रहमत और बरकत भी जान ही जाएंगे क्यूंकि हमने यहां पर सूरह अलम नशरह हिंदी में में लिखने के साथ तफ्सीर भी बयां की है।
Surah Alam Nashrah In Hindi
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- अलम नशरह ल क सद र क
- व वदअना अ न क विजरक
- अल्लजी अन क द जेहरक
- व रफअना ल क जिकरक
- फ इन्-न मअल उसरि युसरा
- इन न मअल उसरि युसरा
- फ इजा फरग त फनसब
- व इला रब्बि क फरगब
सूरह अलम नशरह हिंदी में
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम अलम नशरह ल क सद र क व वदअना अ न क विजरक अल्लजी अन क द जेहरक व रफअना ल क जिकरक फ इन्-न मअल उसरि युसरा इन न मअल उसरि युसरा फ इजा फरग त फनसब व इला रब्बि क फरगब.
सूरह अलम नशरह का तर्जुमा
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला, क्या हमने तुम्हारा सीना कुशादा न किया और तुम पर से तुम्हारा वह बोझ उतार लिया जिसने तुम्हारी पीठ तोड़ी थी और हमने तुम्हारे लिए तुम्हारा जिक्र बुलन्द कर दिया तो बेशक दुशवारी के साथ आसानी है बेशक दुशवारी के साथ आसानी है तो जब तुम नमाज से फारिग हो तो दुआ में मेहनत करो और अपने रब ही की तरफ़ रगवत करो।
Surah Alam Nashrah In English Text
Bismillah Hirrahmaan Nirraheem Alam Nashrah La Qa Sad Ra Qa Wa Wadanaa Anka Wizrak Allazi An Qad Zehraq Wa Raf'Ana Laka Zikrak Fa Inna Ma'al Usree In'na Ma-al Usree Yusraa Fa Izaa Farag Ta Fansab Wa ilaa Rabbi Qa Far Ghab.
Surah Alam Nashrah Ka Tarjuma
Allah Ke Naam Se Shuru Jo Bahut Meharbaan Rahmat Wala. Kya Humne Tumharaa Seena Kudhada Na Kiya Aur Tum Par Se Tumhara Wah Bojh Bojh Utaar Liya Jisne Tumhaari Peeth Todi Thi Aur Humne Tumhare Liye Tumhara Jikr Buland Kar Diya To Beshak Dushwaari Ke Sath Aasani Hai Beshak Dushwaari Ke Sath Aasani Hai To Jab Tum Namaz Se Faarig Ho To Dua Mein Mehnat Karo Aur Apne Rab Hi Ki Taraf Ragwat Karo.
सूरह अलम नशरह के बारे में जानिए
सूरह अलम नशरह मक्की है इसमें एक रूकुअ आठ आयतें सत्ताइस कलिमें और एक सौ तीन अक्षर है।
इस सूरह पर एक हदीस शरीफ में है कि सैयदे आलम सल्लल्लाहो अल्लैहे वसल्लम ने हजरत जिब्रईल से इस आयत को दरियाफन फ़रमाया तो उन्होंने कहा कि अल्लाह तआला फरमाता है कि आपके जिक्र की बलंदी यह है कि जब मेरा जिक्र किया जाए मेरे साथ आपका भी जिक्र किया जाए।
हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहो अन्हुमा फरमाते हैं कि इससे मुराद यह है कि अजाब में तकबीर में तशह्हुद में मिंबरों पर खुत्बों में तो अगर कोई अल्लाह तआला की इबादत करे हर बात में उसकी तस्दीक करे और सैयदे आलम सल्लल्लाहो अल्लैहे वसल्लम की रिसाल की गवाही न दे।
ऐसे में तो वह सब बेकार वह काफिर ही रहेगा कतादह ने कहा कि अल्लाह तआला ने आपका जिक्र दुनियां व आखीरत में बलंद किया हर खतीब हर तशह्हुद पढ़ने वाला अशहदो अन ला इलाहा इल्लल्लाहु के साथ व अशहदु अन्ना मुहम्मदर रसुलल्लाह पुकारता है।
आखिरी बात
आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही आसान लफ्ज़ों में सूरह अलम नशरह हिंदी में पढ़ा यकिनन आप इस पैग़ाम को आख़िर तक पढ़ें होंगे तो आप को इस सूरह अलम नशरह के हर एक लफ्ज़ के बारे में इल्म हासिल हुआ होगा।
अगर अभी भी आपके मन मे कोई सवाल या डाउट हो तो आप हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जल्द ही देने की कोशिश करुंगा अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो तो इसे दुसरे तक भी पहुंचाएं।
ऐ अल्लाह यहां पर हम में से किसी को सूरह इन्शिराह यानि सूरहअलम नशरह हिंदी में पढ़ने या लिखने में एक आयत या फिर एक हर्फ या एक नुक्ता में भी गलती हुई हो तो अपने रहमों करम से माफ़ अता फरमा और हम सभी को कुरान पाक ठीक से पढ़ने की तौफीक व रफीक अता फरमा।
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