आज यहां पर आप बहुत ही अच्छी और आला बात यानी कि नमाज की फजीलत जानेंगे हमने यहां पर बहुत सारे नमाज अदा करने की फजीलत हिंदी में और साथ ही बहुत ही सरल और आसान लफ्ज़ों में लिखा है।
आप भी शायद जानते ही होंगे कि नमाज की फजीलत बहुत ही उम्दा है नमाज हम सब के लिए बहुत ही फायदेमंद है इस पैग़ाम को पुरा पढ़ने के बाद आप भी जान जायेंगे कि हम सब के लिए नमाज कितना अहम है, इस लिए इस पैग़ाम को आखिर तक ध्यान से पढ़ें।
Namaz Ki Fazilat In Hindi
- नमाज पंजगाना पढ़ने से पढ़ने वाले की हर तरह की छोटी बड़ी खताएं बख्श दी जाती है।
- नमाज पढ़ने से हम सब बुराई से बचते हैं बेशक नमाज बेहयाई और बुरे कर्मों से रोकती है।
- नमाज पढ़ने से और गुनाह से बच कर जन्नत हासिल की जा सकती है क्योंकि नमाज ही जन्नत की कुंजी है।
- नमाज पढ़ने में जो अल्लाह के लिए सज्दा करता है तो उसके लिए एक नेकी लिख कर एक गुनाह माफ की जाती है।
- अकेले में जो 2 रकात नमाज खुदा के लिए अदा करता है जिसे फ़रिश्ते के सिवा कोई न देखे उसकी जहन्नम से आजादी लिख दी जाती है।
Namaz Ki Fazilat Hadees In Hindi
सही मुस्लिम में जाबिर रदियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी कि हुजूर ने फ़रमाया की जन्नत की कुंजी नमाज है और नमाज की कुंजी तहारत है।
सहीहैन में अबु हुरैरा रदियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि –
अगर किसी के दरवाजे पर नहर हो वह रोज 5 बार गुस्ल करे क्या उसके बदन पर मैल रह जाएगा तो अर्ज की नहीं तो यही मिसाल नमाज का भी है।
जो भी सच्चे दिल से ऐन वक्त पर पांचों वक्त की नमाज खुदा की रज़ा के लिए पढ़ा उसकी तमाम गुनाहों को अल्लाह तआला मिटा देता है – बहारे शरीयत।
इमाम अहमद रिवायत करते हैं कि अबू जर रदियल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम जाड़ों में बाहर तशरीफ़ ले गए पतझड़ का जमाना था।
वहां दो टहनियां पकड़ ली पत्ते गिरने लगे फ़रमाया अबू जर! मैंने अर्ज़ की लब्बैक या रसूलल्लाह फ़रमाया मुसलमान अल्लाह के नमाज पढ़ता है तो उसके गुना ऐसे गिरते हैं।
अबू दाऊद ने अम्र इब्ने शुऐब अन अबीहे अन जद्देही रिवायत की कि हुजूर ने फ़रमाया जब तुम्हारे बच्चे सात वर्ष का हो जाए तो उन्हें नमाज का हुक्म दो और जब दस वर्ष का हो जाए तो मार कर पढ़ाओ।
हज़रत उस्मान बिन अफ्फान रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जिसने यकीन कर लिया की नमाज हक है और हम पर फर्ज है तो वो जन्नत में दाखिल होगा।
इमाम अहमद व नसई इब्ने माजा ने अबू अय्युब अंसारी व उकबा इब्ने आमिर रदि अल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की कि हुजूर ने फ़रमाया कि जिसने वजू किया जैसा हुक्म है और नमाज पढ़ी जैसा नमाज का हुक्म है तो जो कुछ पहले किया है माफ हो जाएगा।
तबरानी अबु उमामा रदि अल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत कि हुजूर ने फ़रमाया कि बन्दा जब नमाज के लिए खड़ा होता है उस के लिए जन्नत का दरवाज़ा खोल दिया जाता है और उसके परवरदिगार के दरम्यान से हिजाब हटा दिया जाता है और हूरें उसका इस्तिकबाल करती है।
5 Waqt Namaz Ki Fazilat In Hindi
इमाम अहमद व अबू दाऊद उबादा इब्ने सामित रदि अल्लाहु तआला अन्हु से रावी कि हुजूर ने फरमाया की पांच नमाजे अल्लाह तआला ने बंदों पर फर्ज की, जिस ने अच्छी तरह वजू किया और वक्त में नमाजें पढ़ी और रूकुअ व खुशूअ को पुरा किया तो उस के लिए अल्लाह तआला ने अपने जिम्मए करम पर अहद कर लिया कि उसे बख्श दे और जिसने न किया उसके लिए अहद नहीं चाहे बख़्श दे चाहे अजाब करे।
आप भी जान गए होंगे की नमाज की फजीलत बहुत बड़ी है सबसे ख़ास फजीलत यह कि नमाज जन्नत की कुंजी है नमाज हर तरह की पापों को धूल देता है नमाज पढ़ने वाला बन्दा खुदा का प्यारा बंदा होता है।
Fazar Ki Namaz Ki Fazilat
इब्ने माजा सलमान फारसी रदि अल्लाहु तआला अन्हु से रावी कि हुजूर ने फ़रमाया जो सुबह को नमाज को गया ईमान के झन्डे के साथ गया।
फजर की नमाज अदा करने से चेहरे पर नूर आती है घरों में रहमत आती है बरकत होती है फजर की नमाज छोड़ने से नूर चली जाती है।
तबरानी इब्ने उमर रदि अल्लाहु तआला अन्हु से रावी कि हुजूर इरशाद फरमाते हैं जो सुबह की नमाज अदा करता है वह शाम तक अल्लाह के जिम्मे है।
Isha Ki Namaz Ki Fazilat
खतीब ने अनस रदि अल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की कि हुजूर ने फ़रमाया जिस ने चालीस दिन नमाजे फजर व ईशा बा जमाअत पढ़ी उसको अल्लाह तआला दो बरअतें अता करेगा एक नार से दुसरी निफाक से।
इब्ने माजा इब्ने उमर रदि अल्लाहु तआला अन्हुमा से रावी कि हुजूर फ़रमाते हैं जो मस्जिद में जमाअत चालीस रातें नमाजें ईशा बगैर एक भी रकात छोड़े पढ़ी अल्लाह तआला उसके लिए दो जख से आजादी लिख देता है।
नमाज की कुछ खास फजीलत हिंदी में
- ईमान की अलामत यानी एड्रेस नमाज है।
- नमाज शाक है मगर खुसू करने वालों पर।
- नमाज पढ़ने से तनाव और चिंता घटती है।
- इस्लाम का 5 स्तंभों में से एक स्तंभ नमाज है।
- नमाज बेहयाई और बुरे, गलत कर्मों से रोकती है।
- नमाज पढ़ने वाला बंदा ख़ुदा का प्यारा बन्दा होता है।
- नमाज पढ़ने से घरों में ख़ुदाए तआला बरकत फरमाता है।
- कयामत के दिन सबसे पहले नमाज का हिसाब लिया जाएगा।
FAQs
नमाज पढ़ने की क्या फजीलत है?
नमाज पढ़ने से खुदाए तआला राज़ी होता है जिसे जन्नत हासिल होती है।
फजर की नमाज की फजीलत क्या है?
फजर की नमाज कायम करने से कायम करने वाला अल्लाह की निगहबानी में रहता है।
आख़िरी बात
आपने इस पैग़ाम में बहुत ही अच्छी इल्म यानी की नमाज की फजीलत से रूबरू हुए हमने यहां पर बहुत ही आसान और साफ़ लफ्ज़ों में लिखा जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएं अगर अभी भी आपके मन में कुछ प्रश्न या कंफ्यूजन हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें।
यहां पर हमने अच्छी और उम्दा किस्म की फजीलत बयां की थी ऐसा आप हरगिज़ न समझें की बस इतनी ही फजीलते हैं नमाज की फजीलत बहुत है जब आप नमाज अदा करेंगे तो आप भी अंदाजा नहीं लगा पाएंगे वो अपने खजाने से इतना आपको दे देगा, इसलिए नमाज जरूर कायम करें।
अगर यह पैगाम आपको अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से जो कुछ भी आपको हासिल हुई हो ऐसे इल्म को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं और सोशल नेटवर्क के माध्यम से भी दूर दूर तक फैलाएं जिसे सब आलम ए इस्लाम से रूबरू हो सकें साथ ही अपने नेक दुआओं में हमें भी याद रखें शुक्रिया।
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