Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat In Hindi & Arabic – शब ए बारात की नमाज की नियत

आज के इस पैग़ाम में आप एक बहुत ही उम्दा और खुबसूरत नमाज की नियत यानी शब ए बारात की नियत जानेंगे हमने यहां पर शब ए बारात की नमाज की नियत बहुत ही साफ और सही तरीक़े से बताया है।

जिसे आप आसानी से समझ कर शब ए बारात की नमाज अदा कर पाएंगे यकीनन इसे पढ़ने के बाद आप फिर कभी शब ए बारात की नियत नहीं ढूढनी पड़ेगी तो इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पुरा पढ़ें।

Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat

आपको शब ए बारात की नमाज की नियत से पहले यह पता होना चाहिए कि शब ए बारात की रात में बहुत सारे नफ्ल नमाज़ें अदा की जाती है।

हम यहां पर शब ए बारात की रात पढ़ी जानें वाली सभी नमाज की नियत बताए हैं आप हर नियत के हर लफ़्ज़ को ध्यान से पढ़ें और समझें।

किसी भी तारीख की शुरूआत इस्लाम में शाम से होती है यानी मगरिब के बाद तारीख बदलती है उसी तरह शब ए बारात की रात भी मगरिब से ही शुरू होगी।

Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat Ka Tarika
Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat

शब ए बारात की नमाज की नियत

इस रात सबसे पहले हम 2 – 2 रकात की नियत से 6 रकात नमाज अदा करेंगे तो सबसे पहले हम इसी 6 रकात नमाज की नियत जान लेते हैं इसके बाद ईशा के बाद शब ए बारात नमाज की नियत जानेंगे।

इस नियत से आप शब ए बारात की रात मगरिब की नमाज के बाद 2 – 2 रकात की नियत से 6 रकात नमाज पढ़ेंगे ईशा के बाद इसे नहीं पढ़ सकते।

पहली 2 रकात की नियत का तरीका

नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल उम्र दराज व खैरो बरकत के लिए वास्ते अल्लाह तआला के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

दूसरी बार 2 रकात की नियत का तरीका

नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल हर तरह की बला से हिफाजत के लिए वास्ते अल्लाह तआला के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

तिसरी बार 2 रकात की नियत का तरीका

नियत की मैने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल गैरों की मोहताजी से दूरी के लिए वास्ते अल्लाह तआला के मूंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

सबकी अरबी नियत आप इस तरह से करें

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।

लेकिन सिर्फ़ इतना ही नहीं शब ए बारात की रात नमाज पढ़ी जाती अब ईशा के बाद सभी नमाज पढ़ें उसकी नियत नीचे जान लें।

शब ए बारात की नमाज की नियत हिंदी में

नियत कि मैंने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

शब ए बारात की नमाज की अरबी नियत

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।

इसी तरह 2 – 2 रकात करके शब ए बारात की रात पुरी नमाज पढ़ी जाती है आप इसका ख्याल रखें सभी नमाज की नियत इसी तरह से करें।

शब ए बारात की नमाज की नियत कैसे करें?

शब ए बारात की नमाज की नियत इस तरह से करें कि सबसे पहले आप मक्का की रूख करके खुद खड़े हो जाएं इसके बाद शब ए बारात की नमाज की नियत पढ़ें और अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांध लें।

नियत आप अल्फाज के जरिए पढ़ सकते हैं तो पढ़ें नहीं तो दिल में इरादा रखें कि ये नमाज शब ए बारात की अपने रब की रजा और अपने मुराद के लिए पढ़ रहा हुं इसके बाद यहां तक आपकी नियत का प्रोसेस हो जाएगा।

शब ए बारात की नमाज की नियत कैसे बांधे?

शब ए बारात की नमाज की नियत पुरा पढ़ने के बाद अल्लाहू अकबर कहते हुए अपने हाथों को कानों तक उठाएं और कान की लौ छू कर हांथ नीचे लाएं हांथ को नीचे ला कर अगर आप औरत हैं तो आप नियत सीने पर बांधे।

अगर पुरुष हैं तो आप अपना नियत नाफ़ के नीचे बांधे इस तरह से कि पहले बायां हाथ की हंथेली नीचे रखेंगे इसके उपर में दाहिनी हंथेली रखेंगे और उपर नीचे से एक एक उंगली से नीचे की हांथ पकड़ लेंगे।

आप यहां पर ध्यान दें उपर में सिर्फ तीन उंगली ही रहना चाहिए और नियत आपको कलाई पर बांधनी है यानी उंगली से कलाई पर पकड़नी है बाकी नमाज़ों की तरह ही शब ए बारात की नियत भी बांधी जाती है।

आख़िरी बात

आप ने इस पैग़ाम में छोटी ही सही लेकिन बहुत ही काम की जानकारी हासिल किया जिसमें आपने शब ए बारात की नमाज की नियत के साथ साथ नियत करना भी सिखा यकीनन इसके बाद आप बहुत ही आसानी से नियत करके नमाज भी आसानी से मुकम्मल कर पाएंगे।

अगर अभी भी आपके जहन में इस नियत से रिलेटेड कुछ सवाल हो या फिर किसी तरह का कोई डाउट हो तो आप हमसे अपने सवाल को कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी सवालों का जवाब अपने जानिब से जल्द से जल्द पेश करने की कोशिश करेंगे।

अगर यह पोस्ट आपको अच्छा लगा हो यानी इस लेख से आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप भी जिन्हें मालूम न हो उन्हें जरूर बताएं जिसे वो भी अमल में लाएं और खुदा का एक नेक बंदा बने और आपकी भी नामाए आमाल में नेकियों का इज़ाफा होती रहे।

My name is Shah Noor and I'm the Editor and Writer of Learnaze. I'm a Sunni Muslim From Jannatabad, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.

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