आज के इस खूबसूरत सा पैग़ाम में आप सूरह कौसर हिंदी में साथ ही अंग्रेज़ी और अरबी में पढ़ेंगे, यहां पर हमने सूरह कौसर को बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पेश किया है जिस से आप हर हर्फ को आसानी से पढ़ पाएंगे।
आप को कुछ ख़ास बात की इल्म देते चलूं तो यह सूरह यानी सूरह कौसर कुरान पाक की एक बेहद ही रहमत और बा बरकत भरी सूरह में से एक है यकीनन आप इस पैग़ाम को ज़रूर पूरा पढ़ें जिससे आप को इसकी इल्म हो जाए।
Surah Kausar In Hindi
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
- इन्ना आतय ना कल कौसर
- फ सल्लिल रब्बिका वनहर
- इन् शानि अ क हुवल अबतर
Surah Kausar Hindi Mein
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम. इन्ना आतय ना कल कौसर. फ सल्लिल रब्बिका वनहर. इन् शानि अ क हुवल अबतर
Surah Kausar In Arabic
بِسْمِاللّٰهِ الرَّحمِٰن الرَّحِيْمِ. اِنَّآ اَعْطَيْنٰكَ الکَوْشَرَ. فَصَلِّ لِرَبِّك وَانْحَرْ. اِنَّشَانِىَٔكَ هُو الاَبْتَرُ.
Surah Kausar In English
Bismillah Hirrahmaan Nirraheem. Innaa Aatai'na Kal Kausar Fa-sallil Rabbika Wanhar. Ina Shaani A-Ka Huwal Abatar
Surah Kausar In Hindi Tarjuma
अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला. ऐ मेहबूब बेशक हमने तुम्हें बेशुमार खुबियां अता फरमाई. तो तुम अपने रब के लिए नमाज पढ़ो और कुरबानी करो. बेशक जो तुम्हारा दुश्मन है वही खैर अच्छाई से मेहरूम है।
सूरह कौसर के बारे में जानिए
सूरह कौसर तमाम मुफस्सिरीन के नज़दीक मदनी है इसमें 1 एक रूकुअ 3 तीन आयतें 10 दस कलिमें और इस सूरह कौसर में 42 बयालीस अक्षर है।
इस सूरह कौसर में बयां होता है कि और बहुत सी फजीलतें अता करके तमाम खल्क पर अफ़ज़ल किया जाहिरी हुस्न भी दिया और बातिनी भी दी।
ऊंचा खानदान भी दिया नबूव्वत भी किताब भी हिक्मत भी इल्म भी शफाअत भी हौजे कौसर भी मकामे मेहमूद भी उम्मत की कसरत भी।
दीन की दुश्मनों पर गलबा भी फतह की कसरत भी और बहुत सी बेशुमार नेअमतें और फजीलतें दी जिनकी सीमा नहीं जिसने तुम्हें इज्ज़त और शफाअत दी।
उसके लिए उसके नाम पर बुत परस्तों के विपरीत की जो बुतों के नाम पर जिब्ह करते हैं इस आयत की तफ्सीर में एक कौल यह भी है कि नमाज़ से ईद की नमाज़ मुराद है।
न आप, क्योंकि आपका सिलसिला कयामत तक जारी रहेगा आप की औलाद में भी कसरत होगी और आप के मानने वालों से दुनियां भर जाएगी।
आपका जिक्र मिंबरों पर बलंद होगा कयामत तक पैदा होने वाले आलिम और उपदेशक अल्लाह तआला के जिक्र के साथ आपका जिक्र करते रहेंगे।
बे नामों निशान और हर भलाई से मेहरूम तो आपके दुश्मन हैं जब सैयदे आलम सल्लल्लाहो अल्लैहे वसल्लम के फरजन्द हजरत कासिम का विसाल हुआ।
तो काफिरों ने आपको अवतर यानी नस्ल से कटा हुआ कहा और यह कहा कि अब इनकी नस्ल नहीं रही इनके बाद अब इनका जिक्र भी न रहेगा।
यह सब चर्चा खत्म हो जाएगा इसपर यह बुजुर्गी वाला सूरत उतरी और अल्लाह तआला ने उन काफिरों को झुठलाया और उनका खुला रद फ़रमाया।
FAQs
सूरह कौसर कौन से पारे में है?
सूरह कौसर कुरान पाक की 30 तीसवें पारे में है।
सूरह कौसर कब पढ़ना चाहिए?
अपनी गरीबी बेबसी लाचारी दूर करने के लिए सूरह कौसर पढ़ना चाहिए।
सूरह कौसर का मतलब क्या होता है?
सूरह कौसर का मतलब असीम यानी कभी न खत्म होने वाला होता है।
आख़िरी बात
आप ने इस पैग़ाम में बहुत ही रहमत बरकत और फजीलत भरी सूरह की तिलावत अपने मन पसन्द जबान में किया यकीनन आप को सूरह कौसर याद भी हो गया होगा अगर नहीं भी हुई हो तो एक से दो बार और ध्यान से पढ़ें यकीनन आप दिल में इससे ज़रूर बसा लेंगे।
अगर अभी भी आपके मन में किसी भी तरह की सूरह कौसर से जुड़ी कोई सवाल या डाउट हो तो आप हमें कॉमेंट करके ज़रूर पूछें जिससे आप की इल्म मुकम्मल हो जाए और इस पैगाम को दूसरों तक भी पहुंचाएं जिससे सभी मोमिन इस इल्म से रूबरू हो जाएं।
ऐ अल्लाह हम में से किसी को भी यहां पर सूरह कौसर हिंदी में पढ़ने या लिखने में किसी भी तरह की एक आयत एक हर्फ या फिर एक नुक्ते में भी गलती हुई हो तो अपने रहमों करम से हम सभी को माफ अता फरमा और कुरान पाक ठीक से पढ़ने की तौफीक अता फरमा आमीन।
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