आज आप यहां पर एक बहुत ही रहमत व बरकत भरी नमाज यानी ईशा की नमाज की नियत बहुत ही आसानी से जानेंगे हमने यहां पर ईशा की नमाज की नियत बहुत ही अच्छे से बताया है।
इसे पढ़ने के बाद आप यकीनन बहुत ही आसानी से ईशा की नमाज की नियत करना सीख जाएंगे इसके बाद आप को कहीं पर भी ईशा की नमाज के लिए नियत नहीं तलाशनी पड़ेगी तो आप ध्यान से पढ़ें और समझें।
Isha Ki Namaz Ki Niyat
सबसे पहले आपको इस बात का इल्म से रूबरू करा दें कि ईशा की नमाज में कुल मिलाकर सब 17 रकात नमाज अदा करनी होती है इस नमाज को मुकम्मल करने में आपको छः मरतबा नियत करनी पड़ती है।
हमने यहां पर एक एक करके तरतीब के साथ सभी नियत को बताया है आप ध्यान से पढ़ कर समझ जाएं जिसे आप आसानी से ईशा की नमाज की नियत करके पुरा नमाज दुरूस्त तरीके से मुकम्मल कर सकें।
ईशा की चार रकात सुन्नत नमाज की नियत
नियत की मैने चार रकात नमाज ईशा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।
ईशा की चार रकात फर्ज नमाज की नियत
नियत की मैने चार रकात नमाज ईशा की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर
अगर इमाम के पीछे पढ़ रहे हैं तो वास्ते अल्लाह तआला के बाद पीछे इस इमाम के बोलें फिर रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।
ईशा की दो रकात सुन्नत नमाज की नियत
नियत की मैने दो रकात नमाज ईशा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।
ईशा की दो रकात नफ्ल नमाज की नियत
नियत की मैने दो रकात नमाज ईशा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर
ईशा में वित्र की तीन रकात नमाज की नियत
नियत की मैने तीन रकात नमाज वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर
वित्र की नमाज रमज़ान माह में जमात के साथ पढ़ाई जाती है तो जमात के लिए इस तरह नियत करें कि नियत की मैने तीन रकात नमाज वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के रूख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर
फिर ईशा में दो रकात नफ्ल नमाज की नियत
नियत की मैने दो रकात नमाज ईशा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर
ईशा की नमाज की नियत कैसे करें?
सबसे पहले नियत पढ़लें इसके बाद अपने दोनों हाथों को कान की लौ तक ले जाएं और अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांध लें अगर औरत हैं तो सिर्फ कांधे तक ही हांथ उठा कर अल्लाहू अकबर कह कर नियत बांधेंगे।
ईशा की नमाज़ की नियत कैसे बनते हैं?
ईशा की नमाज़ की नियत आप इस तरह बनाए कि नियत की मैने दो या चार जितनी रकात नमाज़ पढ़नी हो उतनी रकात बोलें नमाज ईशा की फर्ज या सुन्नत या नफ्ल सुन्नत हो तो सुन्नत रसूले पाक की और फर्ज हो तो वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ़ की तरफ इतना बोलने के बाद अल्लाहु अकबर कह कर नियत बांध लें।
आख़िरी बात
आप ने इस खूबसूरत पैग़ाम के ज़रिए एक बहुत ही उम्दा और निहायत जरूरी इल्म से रूबरू हुए आपने यहां ईशा की नमाज की नियत भी जाना और नियत करना भी सिखा हमने यहां पर ईशा की नमाज की नियत बहुत ही आसान लफ्ज़ों में बताया था जिसे आप आसानी से समझ गए होंगे।
अगर अभी भी आपके मन में ईशा की नमाज की नियत से जुड़ी कोई सवाल का जवाब न मिला हो या फिर कोई डाउट या फिर सवाल आपके जहन में आ रही हो तो आप हमसे कॉमेंट करके ज़रूर पूछें हम आपके सभी तरह के सवालों का जवाब जल्द देने की कोशिश करेंगे इंशाल्लाह।
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