हम और आप तथा सभी लोग इस बात से परिचित हैं कि एक न एक दिन कयामत जरूर आएगी, क्योंकि अल्लाह तआला ने अपनी मुकद्दस किताब कुरान ए मजीद में फरमाया कि इन्नस्साअ त आतियतुन यानी बेशक कयामत आने वाली है, इस आर्टिकल के माध्यम से आपको कयामत की कुछ निशानियां, कयामत किस तरह से गुजरेगी तथा कयामत कब आएगी इन सभी सवालों का जवाब जानने को मिलेगी।
जब अल्लाह तआला अपने नेककारों और बदकारों के अच्छे और बुरे आमाल की जजा व सज्जा की फैसला के लिए अपने बन्दों से उनके अच्छे और बुरे कामों का बदला लेने के लिए एक खास दिन मुकर्रर किया है, इसी दिन नेकों को जन्नत की नेमतें और बदों को जहन्नम का अज्जाब देगा, यह कयामत एकदम अचानक और बिल्कुल ही नागहां आएगी।
लोगों को इसका कोई ख्याल ही नहीं रहेगा और रोजाना के मुताबिक लोग अपने अपने कामों में मशगूल होंगे, इस दिन लोग बेहोश व बदहवास होकर गिरते और मरते चले जाएंगे, आसमान टूट फूट कर और टुकड़े-टुकड़े होकर गिर पड़ेगा जमीन इतना जबरदस्त भूचाल आ जाएगा कि जमीन जोर-जोर से हिलने और कांपने लगेगी सभी चीजें रेजा रेजा होकर बिखर जाएंगे, हम आपको इसकी कुछ निशानियां के साथ साथ कयामत कब आएगी ये भी बताएंगे।
Qayamat Ki 10 Badi Nishaniyan
- पहाड़ों का टल जाना
- सोने का पहाड़
- मस्जिदों में दुनिया की बातें
- एक बरस एक महीना के बराबर
- कमीनों की खुशहाली
- बेहयायी की इन्तिहा
- तलवारे जिहाद से मुअतल
- लठबाज बादशाह
- पत्थरों की बारिश
- यहूदियों का कत्लेआम
1.पहाड़ों का टल जाना
हजरते समोरह रजि अल्लाहु ता आला अनहु से मरवी है कि कयामत कायम नहीं होगी यहां तक कि पहाड़ अपनी जड़ों से टल जाएंगे, यह निशानी जाहिर भी हो चुकी है क्योंकि जलजलों में पहाड़ का अपनी जगह से टल जाना बारहा वाकिअ हो चुका है।
2.सोने का पहाड़
हजरत अबू हुरैरा रजीअल्लाहू अन्हू से मनकुल है उन्होंने फरमाया की रसूलअल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया कि कयामत नहीं कायम होगी।
यहां तक की नहरे फोरात सोने के पहाड़ जाहिर कर देगी और लोग उसको लेने के लिए एक दूसरे से यहां तक जंग करेंगे हर एक सौ में से 99 कत्ल हो जाएंगे और उनमें हर शख्स यह कहता होगा कि शायद में कत्ल से बच जाउंगा।
3.मस्जिदों में दुनिया की बातें
हजरत हसन रजि अल्लाहु अनहु से मरवी है कि लोगों के बीच एक ऐसा जमाना आएगा कि उनकी मस्जिदों में दुनियावी बातें होंगी, लिहाजा तुम लोग ऐसे लोगों की सोहबत में ना बैठना क्योंकि अल्लाह ताला को ऐसे लोगों की कोई परवाह नहीं है।
4.एक बरस एक महीना के बराबर
जब कयामत करीब आ जाएगी तो साल, महीना और दिन जल्दी-जल्दी गुजरने लगेगा, इसकी या तो यह सूरत होगी कि जमाना में इस कदर बे बरकती हो जाएगी कि जल्दी-जल्दी जमाना गुजर जाएगा।
और लोगों को खबर भी ना होगी कि कितने दिन गुजर गए या फिर यह सूरत होगी कि उस जमाने में लोग इस कदर किस्म के मुसीबतों और कितनों के हंगामे में मशगूल और परेशान से बदहवास हो जाएंगे।
5.कमीनों की खुशहाली
हुजूर अकदस सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फ़रमाया कि बाप दादा तथा पुराने पुश्तों के जमाने से ही नसलन बाद नस्लीन कमिने अहमक और लुच्चे लफंगे होंगे।
वह दुनिया में माल व दौलत और असर व रूसुख नीज दुनियावी सजाव सामान के लिहाज से बहुत ही खुशहाल होंगे और जो जितना बड़ा कमीना और लुच्चा होगा उसी कदर ज्यादा वह खुशहाल होगा।
6.बेहयायी की इन्तिहा
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रजि अल्लाहू अन्हुमा ने फरमाया की लोग जानवर की तरह रास्तों में जुफ्ती करेंगे, आज यह हमें देखने को काफी मात्रा में मिल रहा है।
हर रोज शर्म और हया का जनाजा निकलता जा रहा है, एक दिन इंसान इस कदर बेहया और बेशर्म हो जाएगा कि वह घोड़ों गधों, कुत्तों की तरह आम रास्तों में अपनी सहवत पूरी करने लगेगा।
7.तलवारे जिहाद से मुअतल
हजरत अबू हुरैरा रजि अल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि लोग अपने पड़ोसियों के साथ बुरा सुलूक करने लगेंगे रिश्तेदारों को काटने में लगे रहेंगे तथा गिन के जरिया से दुनिया कमाने लगेंगे, ऐसी निशानियां की कुछ असर हमें दुनिया में भी देखने को मिल रही है।
8.लठबाज बादशाह
इस पर रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु सल अल्लाहु तआला फरमाते हैं कि एक आदमी ऐसा निकलेगा जो तमाम इंसानों को अपनी लाठी से हांकेगा।
आज के दौर में थोड़ा बहुत इसका भी असर देखने को मिल रहा है एक जालिम बादशाह अमीर और गरीब तथा शरीफ व रजिल सबको अपनी हुकूमत से जूझा रहा है।
9.पत्थरों की बारिश
रसूल सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम फरमाते हैं कि जब खुलेआम बदकारी होने लगेगी, तो इस उम्मत के पिछले लोगों में जमीन का धंस जाना और मस्क हो जाना और पथराव होगा।
इस पर हजरत आयशा रजि अल्लाहू अन्हा कहती है कि या रसूल अल्लाह क्या हम लोग हिलाक कर दिए जाएंगे हालांकि हम लोग में बहुत से सलिहीन नेक लोग भी शामिल होगे।
इस पर रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जी हां खुलेआम बदकारी होने लगेगी तो सभी लोग पर ऐसा होगा।
10.यहूदियों का कत्लेआम
हजरते अबू हुरैरह रजि अल्लाहु ता आला अनहु कहते हैं की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया उस वक़्त क़यामत कायम नहीं होगी, यहां तक कि मुसलमान यहूदियों से जंग करेंगे।
और यहूदियों को कत्ल करेंगे, सभी दरख़्त भी यहूदियों के खिलाफ रहेंगे एक गरकद के दरख़्त के आलावा क्योंकि यह यहूदियों का दरख़्त है।
कयामत कब आएगी?
अल्लाह ताला ने अपने हबीब नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के अलावा इसका इल्म यानी कयामत कब आएगी अपने आप बंदों से छुपा लिया है।
क्योंकि कुरान मजीद में इसके बारे में यह फरमान है कि कयामत बिल्कुल ही अचानक आएगी, अगर यह बात निर्धारित समय यदि बता दिए होते तो कयामत का आना अचानक नहीं होता।
क्योंकि लोग हमेशा गिनते और हिसाब करते रहते कि अब कयामत के आने में इतने वर्ष इतने महीने इतने दिन बाकी है, लेकिन हां कयामत के सन के सिवा कयामत की तारीख कयामत का महीना, कयामत का दिन यह सब कुछ हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने अपनी उम्म्त को बता दिया है, आज इस्लाम का हर बच्चा बच्चा जानता है कि कयामत मोहर्रम के महीने में दसवीं तारीख को जुम्मा के दिन आएगी।
कयामत कैसे आएगी?
आपने अभी तक जाना की कयामत की निशानी और कब आएगी का जवाब लेकिन अब आप जानेंगे की कयामत का मंज़र क्या होगा हम सभी को मालूम है की क़यामत मतलब संसार का ख़त्म होना क़यामत के दिन पहाड़ टूट टूटकर बिखर जाएँगे।
सितारे आसमान से जमीं पर बरसेंगे सब इतना परेशां होंगे की खुद के हालत पर भी गौर नहीं कर सकेंगे, सूरज इतना सामने होगा की उसकी गर्मी से सब ख़त्म हो जाएगी इस दिन संसार का आलम ये होगा की सब के सब तड़प रहे होंगे पूरी दुनिया में आग और धुआ होगा।
आखिरी बात
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इस आर्टिकल में कयामत की कुछ बेहतरीन निशानियां और क़यामत से जुड़ी जानकारी दी गई है, इस आर्टिकल को हमने आपको बेहतर पढ़ने और समझने के लिए बहुत ही सरल और साधारण भाषा में लिखा है आपको यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा।
Mujhe padke bohot atcha laga…. thank you